बिजली घरों में कोयले की आपूर्ति सामान्य नहीं, बिजली उत्पादन में समस्या
कोरबा 24 जून। कोल इंडिया की कोशिश के बाद भी बिजली घरों में कोयले की आपूर्ति सामान्य नहीं हो सकी है। छत्तीसगढ़ में स्थित एनटीपीसी और बालको बिजली घरों में कोयले की कमी है। छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन के कारखानों में भी कोयले की उपलब्धता संतोषजनक नहीं है, स्थिति इतनी गंभीर है कि इन थर्मल प्लांटों में जरूरत का 50 फीसदी कोयला भी नहीं है एनटीपीसी के कोरबा जमनीपाली, सीपत और लारा रायगढ़ स्टेशन में जरुरत का क्रमश: 35.3, 40.8, और 22.8 फीसदी कोयला है कोरबा और जांजगीर-चांपा के मड़वा में स्थित छत्तीसगढ़ सरकार के बिजली घरों में भी कोयले की किल्लत है। इन प्लांटों के स्टॉक में जरूरत का आधा कोयला भी नहीं है। इसकी जानकारी सेंट्रल एनर्जी अथॉरिटी की 21 जून को जारी रिपोर्ट में दी गई है।
अथॉरिटी की ओर से बताया गया है कि सभी थर्मल प्लांटों को 85 फीसदी प्लांट लोड फैक्टर पर चलाने के लिए 26 दिन का कोयला उपलब्घ होना चाहिए। जबकि प्रदेश के बिजली घरों में स्थिति इसके विपरित है। प्लांटों के स्टॉक में सात से 15 दिन तक ही कोयला उपलब्ध है। प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है, बारिश होने का सीधा असर कोयले के उत्पादन पर पड़ता है। ओपेन माइंस से कोयला खनन में गिरावट आती है। परिवहन भी प्रभावित होता है, यही बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए चिंता का कारण है।
मध्यप्रदेश पावर जनरेशन कंपनी के साथ मिलकर एसईसीएल लगाएगी 600 मेगावाट का बिजली प्लांट:-एसईसीएल ने पावर प्लांट स्थापना की दिशा में कदम बढ़ाया है। मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660 मेगावॉट क्षमता की एक यूनिट को स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। लगभग 4665 करोड़ रुपए लागत का अनुमान है। यह प्लांट सुपर क्रिटिकल आधुनिकतम तकनीक पर आधारित होगा। मेमोरेण्डम आफ अण्डरस्टैण्डिंग, एमओयू में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक भनजीत सिंह और एसईसीएल के जनरल मैनेजर अरुपदत्त चौधरी ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर पॉवर जनरेटिंग कंपनी के डायरेक्टर कामर्शियल प्रतीश कुमार दुबे, कार्यपालक निदेशक परियोजना उत्पादन बीएल नेवल, एसईसीएल के चीफ मैनेजर अजय कुमार सेन सहित एसईसीएल के अधिकारी व पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अभियंता उपस्थित थे।