संपत्ति कर में कमी भूपेश बघेल का चुनावी जुमला.. RTI में खुल गई पोल
बिलासपुर 12 जून। समय-समय पर केंद्र सरकार की घोषणाओं पर प्रश्न उठाने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही असली जुमलेबाज हैं, जिन्होंने चुनाव के समय हवा हवाई वादे तो कर दिए परंतु आज सरकार बनने के तीन वर्ष बाद भी उन वादों का धरातल पर क्रियान्वयन शून्य है। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तीखा हमला करते हुए भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यालय सहप्रभारी श्री पेशीराम जयसवाल ने कही है।
उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में शहरी क्षेत्रों में संपत्ति कर में 50 फ़ीसदी की कमी करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में इसे पूर्णतः समाप्त करने का वादा किया था परंतु उस वादे को पूरा करने के लिए प्रदेश की भूपेश सरकार ने सरकार बन जाने के तीन वर्ष बाद भी कोई कदम नहीं उठाया है। श्री जायसवाल के इन आरोपों का आधार नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा आरटीआई अधिनियम अंतर्गत प्रदान की गई जानकारी है।
जानकारी अनुसार श्री जायसवाल ने 27 मई 2022 को नगरीय प्रशासन विभाग में सूचना का अधिकार अधिनियम अंतर्गत आवेदन लगाकर 1 जनवरी 2019 से लेकर 25 मई 2022 तक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शहरी क्षेत्रों में संपत्ति कर 50% कम करने से संबंधित आदेश की प्रतिलिपि मांगी थी। आवेदन के जवाब में उप सचिव नगरीय प्रशासन विभाग तथा जन सूचना अधिकारी एच.आर. दुबे ने 6 जून 2022 को जानकारी उपलब्ध कराई कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संपत्ति कर के संबंध में ऐसा कोई आदेश नगरीय निकायों को जारी नहीं किया गया है।
श्री पेशीराम जयसवाल ने आगे कहा कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी से यह सिद्ध हो गया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही असली जुमलेबाज है जो चुनाव जीतने के लिए बड़े-बड़े वादे तो करते हैं पर उन वादों को पूरा करने के लिए कोई काम नहीं करते। वहीं इस संबंध में भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विजय शंकर मिश्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार केवल घोषणा सरकार है जो मात्र कागजों पर चल रही है। इनके घोषणाएं और योजनाएं केवल कागजों में सफल हैं, परंतु धरातल तथा जनमानस के बीच इनका नामोनिशान नहीं है।