संगीन मामलों को पुलिस डाग बाघा ने सुलझाया

कोरबा 11 जून। कोरबा पुलिस बल में तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों के अलावा एक डाग भी है, जिसकी भूमिका संगीन मामलों को सुलझानें में महत्वपूर्ण साबित हो रही। यह स्नीफर डाग का नाम बाघा है और अपनी श्रेष्ठतम प्रदर्शन की वजह से यह कई पुरस्कार जीत चुका है। करीब 50 से अधिक जटिल मामलों को सुलझाने का श्रेय इस डाग को जाता है।   

जिले के पुलिस विभाग में एक ऐसा जांबाज डाग भी है, जो पुलिस के लिए किसी चिराग से निकले जिन्न? से कम नहीं है। यह अगर पुलिस के पास नहीं होता तो ना जाने कितने मामले अनसुलझे ही रह जाते। बाघा अपनी श्रेणी का सर्वोत्तम ट्रैकर डाग है। ये ना सिर्फ  पुलिस के लिए उपयोगी है बल्कि प्रदेश में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुका है। राज्य भर के पुलिस डाग में से सर्वश्रेष्ठ चुना जा चुका है। करीब छह साल का बाघा अभी अपने पूरे शबाब पर है। पुलिस डाग को रिटायर कब किया जाएगा, यह उसकी फिटनेस पर निर्भर करता है। हालांकि अधिकतम उम्र 14 साल होती है। बाघा को कोरबा पुलिस में नौ जून 2017 से नियुक्त किया गया है। तब से लेकर अभी तक बाघा
का प्रदर्शन अविश्वसनीय रहा है। उसने जिले में हत्या, दुष्कर्म, लूट, डकैती और चोरी के लगभग 50 मामलों में सक्रिय भूमिका निभाई है। यह सभी ऐसे मामले थे, जिसमें बाघा ने पुलिस को अहम सुराग दिया। इससे पुलिस इन मामलों को सुलझा पाने में सफल रही।   

छत्तीसगढ़ बेस्ट पुलिस डाग अवार्ड बाघा की फिटनेस को बनाए रखने के लिए हर 15 दिन में पशु चिकित्सक नियमित रूप से चेकअप करते हैं। पुलिस लाइन में पदस्थ आरआई भी बाघा की सेहत का निरीक्षण करते हैं। डाइट के साथ ही दो टाइम मालिश भी की जाती है। रोजाना दो घंटे का अभ्यास कराया जाता है। डाग स्क्वायड प्रभारी और बाघा के मेंटर सुनील कहते हैं कि बाघा को रोज सुबह व शाम एक-एक एक घंटे की प्रैक्टिस कराई जाती है। बाघा 2017 में पुलिस महकमे में पदस्थ हुआ है। उस वक्त भी उसे नौ माह की कठिन ट्रेनिंग दी गई थी। सूंघने के साथ ही व्यक्तियों की पहचान करना, चीजों को ढूंढना समेत अन्य उसकी ट्रेनिंग की गतिविधियां हैं। रोजाना दो घंटे अभ्यास कराने से बाघा की फिटनेस बनी रहेती है।

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