संयंत्र से उत्सर्जित राख फेंके जाने के मामले में जांच करेगी एनजीटी की टीम
कोरबा 29 मई। संयंत्र से उत्सर्जित राख को शहर व आसपास क्षेत्र में कहीं फेंके जाने की शिकायत को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी ने गंभीरता से लिया है। मामले में तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। टीम आगामी एक जून से निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ट्रिब्यूनल में सौंपेगी।
औद्योगिक नगरी में स्थापित विद्युत संयंत्र के समक्ष राख का शत प्रतिशत निष्पादन बड़ी समस्या बनी हुई है। कई उपक्रम प्रबंधन राख को लो. लाइन एरिया गड्ढा में भर रहे हैं, तो कुछ संयंत्र कहीं भी राख को फेंक रहे हैं। इससे पूरा क्षेत्र प्रदूषित हो रहा है और आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस पर समाजसेवी व पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामअवतार अग्रवाल ने अपने अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी ने एनजीटी के समक्ष याचिका दायर की। जस्टिस शिव नारायण सिंह व अरुण वर्मा की बेंच ने इस मुद्दे पर जांच करने के निर्देश दिए। केंद्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल व कोरबा कलेक्टर को मिला कर तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठन करने का निर्देश देने के साथ ही छह सप्ताह के भीतर स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा गया है। इस आदेश के तहत टीम एक से तीन जून तक कोरबा जिले के प्रवास पर रहेगी और इस दौरान बाल्को बालको की ट्रांसपोर्ट ठेका कंपनी ने जहां-जहां राख फेंकी है, उसका भौतिक सत्यापन करेगी। इसके साथ ही पांच सदस्यीय एक अन्य टीम भी राखड़ मामले की जांच करेगी। इस टीम में भी कोरबा कलेक्टर व पर्यावरण सरंक्षण मंडल के अधिकारी रहेंगे। साथ ही तीन अन्य अधिकारी बाहर से आएंगे।