मौसम अनुकूल होने से इस बार तेंदूपत्ता का होगा अधिक संग्रहण
कोरबा 11 मई। तेंदूपत्ता संग्रहण ने रफ्तार पकड़ ली है। जंगल से पत्ते तोड़ने के पश्चात संग्राहक बिक्री के लिए फड़ों में पहुंचने लगे हैं। कोरबा के 38 और कटघोरा के 58 समितियों में पांच दिनों के भीतर 52 हजार 204 मानक बोरा तेंदूपत्तों का संग्रहण किया जा चुका है। बीते वर्ष की तुलना में अनुकूल मौसम होने से इस बार अधिक संग्रहण होने की संभावना बढ़ गई है।
तेंदूपत्ता संग्रहण को लेकर संग्राहक परिवार में उत्साह देखा जा रहा है। बीते दो वर्षों से कोरोना काल में पत्तों का संग्रहण कम था। लाकडाउन के कारण कंटेनमेंट जोन बनाए जाने से संग्राहक पर्याप्त पत्ते नहीं तोड़ पाए। संग्रहण के पहले बारिश भी हुई थी। इस साल मार्च से अप्रैल के बीच पड़ रही कड़ी धूप का पत्तों के पल्लवन के लिए अनुकूल साबित हो रहा। विभागीय अधिकारी की माने तो बेमौसम बारिश नहीं हुई इसका असर भी पत्तों के उत्पादन पर पड़ा है। अनुकूल मौसम पर गौर किया जाए तो तपती धूप और जमीन गर्म होने से पत्ते जल्दी सूखते हैं। बीते वर्ष दो मई को पत्ता संग्रहण का काम शुरू हुआ था। इस बार दो दिन बाद चार मई से शुरू हुई है। वजह यह है कि लेमरूए कोई विमलता व ठाकुरखेता सहित बड़े फड़ों का पत्ता तैयार नहीं हुआ था। तेंदूपत्ता संग्रहण के पहले अधिकारीए कर्मचारी वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर 24 तक हड़ताल में चले गए थे। इससे माना जा रहा था कि तेंदूपत्ता उत्पादन में कमी आएगी, अनुमान के विपरीत जंगल में पत्तों का उत्पादन बेहतर हुआ है। अधिकारी की माने तो शाख कर्तन का काम सघन जंगल में समय पर होने और तेज धूप के कारण पत्ते अच्छे मिल रहे हैं। बताना होगा कि पत्ता संग्रहण के कोरबा वनमंडल में 188 और कटघोरा में 211 फड़ बनाए गए हैं। पत्तों का दर बीते वर्ष की तरह 400 रुपये सैकड़ा रखा गया है। अब संग्रहित पत्तों पर गौर करें तो कोरबा वनमंडल में 20 हजार 281 और कटघोरा में 31 हजार 923 मानक बोरा पत्तों का संग्रहण किया जा चुका है। यह कार्य 22 मई तक जारी रहने की संभावना है।