मिर्ची @ गेंदलाल शुक्ल
डी. एम. एफ. का दंगल
छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा कलेक्टर श्रीमती रानू साहू पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। DMF मद के कार्यों में भ्रष्टाचार के साथ ही पिछले वित्त वर्ष की बचत राशि और ब्याज की राशि मैं हेरा फेरी का भी उन्होंने आरोप लगाया है। पिछले कलेक्टर के कार्यकाल में स्वीकृत कार्यों को निरस्त करने और जिले में प्रस्तावित सभी कार्यों का विवरण शासी परिषद के सदस्य विधायकों को उपलब्ध नहीं कराने का आरोप भी कलेक्टर पर लगाया गया है। शासी परिषद के अध्यक्ष और कलेक्टर रानू साहू पर नियमानुसार एजेंडा के साथ सदस्यों को सात दिवस पूर्व बैठक की सूचना नहीं देने का आरोप भी लगाया गया है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष लखनलाल देवांगन ने भी कलेक्टर कोरबा पर भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी का आरोप लगाया था। भाजपा नेता ने कलेक्टर के बहाने प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए साफ शब्दों में कहा था कि जब से भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है तबसे पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ही मंत्रिमंडल के कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर कोरबा को भ्रष्ट बता कर एक प्रकार से विपक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी के आरोपों की पुष्टि कर दी है। वैसे सच तो यह है कि डी. एम. एफ. को लेकर शासी परिषद के सदस्यों के बीच लम्बे समय से दंगल चल रहा है। पांचों उंगलियों के घी में होने से काम नहीं चलेगा। सिर को भी कड़ाही में डूबने चाहिए। लेकिन कितने लोगों का सिर कड़ाही में समा पायेगा? कड़ाही की भी तो लिमिट है। सो दंगल तो चलता ही रहेगा। कड़ाही की सलामती का मैनेजमेंट महत्वपूर्ण है। डी. एम. एफ. की अध्यक्ष रानू साहू इसमें सफल हैं।
कोरबा कांग्रेस को है धमाके का इंतजार
आसमान में उड़ती चिड़िया ने कोरबा कांग्रेस के नेताओं के कान में फुसफुसा कर बताया है कि इस माह कोई बड़ा धमाका होने वाला है। इस संदेश के मिलने के बाद कोरबा के कांग्रेस जनों में खासा जोश खरोश नजर आने लगा है। धमाके को सेलिब्रेट करने की योजना अभी से बनने लगी है। बैनर और पोस्टर बाज नेताओं ने तो अभी से अपने- अपने बैनर और पोस्टर का डिजाइन बनवाना शुरू कर दिया है। नगर निगम की सत्ता को खुली चुनौती देते हुए चौक चौराहों पर अवैध पोस्टर बैनर लटकाने का अवसर उन्हें मिलता है या नहीं आने वाला समय ही बताएगा।
बैठकों में होता विकास
बैठक…बैठक…बैठक। कोरबा जिला कुछ माह से बैठकों में ही मशगूल है। रोज- रोज बैठक। सुबह- शाम बैठक। लोकल बैठक। नेताजी की बैठक। मंत्री की बैठक। सचिव की बैठक। ऑफ़ लाइन बैठक। ऑफ लाइन बैठक।जिले के अफसर इन बैठकों में ही उलझे हुए हैं। हर बैठक में विकास की बात होती है। विकास के आंकड़े भी पेश होते हैं। जिले का तेजी से विकास हो रहा है। जनता हैरान है। अफसर जब फील्ड में काम ही नहीं कर पाते तो ये विकास कहां से उड़कर साहबों की टेबल तक पहुंच रहा है?
मिर्ची @ गेंदलाल शुक्ल, सम्पर्क- 098271 96048