विदेशी कोयला से बिजली उत्पादन की दरों में होगी वृद्धि : अभियंता संघ
कोरबा 9 मई। आमसभा व केंद्रीय कार्यकारिणी की विशेष बैठक संघ के प्रादेशिक अध्यक्ष इंजी राजेश पांडेय व महासचिव सीएस सिंह प्रमुख रुप से उपस्थित रहे। वक्ताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में कोयला भेजता है उसे ही अपने ही उत्पादन गृहों के लिए विदेशों से कोयला आयात करने के लिए धमकाया जा रहा है। यदि ऐसा हुआ तो मात्र दस प्रतिशत कोयला आयात करने पर ही बिजली की दरों में अभूतपूर्व वृद्धि संभावित है, जो प्रदेश हित में उचित नहीं होगी। संघ इस विषय पर राज्य शासन से हस्तक्षेप करने की मांग की है। चर्चा में राज्य में नए विद्युत संयंत्रों की स्थापना के लिए भी प्रयास करने पर निर्णय लिया गया ताकि आने वाले समय में प्रदेश को विद्युत संकट से न गुजरना पड़े। विद्युत कंपनियों में 2004 के बाद नियुक्त अभियंताओं एवं कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली के मुद्दा भी बड़ी संजीदगी से उठा और इस विषय पर निरंतर प्रयास का संकल्प लिया गया। इस दौरान बिलासपुर में संघ की अगुवाई में सेवा से उपभोक्ता विश्वास के पायलट प्रोजेक्ट के संबंध में कार्ययोजना बनाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1994 में ऐसी एक योजना व्यापक रूप से सफल हुई थी और उसके बाद बिलासपुर माडल न केवल देश मे वरन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना का विषय बना था। इसके अंतर्गत उपभोक्ताओं की परिवेदनाओं का त्वरित और संवेदनशील तरीके से निवारण हेतु कार्य किया जाएगा। बैठक में संघ की क्षेत्रीय इकाई का निवार्चन भी हुआ। सर्वसम्मति से इंजी संजय पटेल, कार्यपालक निदेशक क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं इंजी सीएम बाजपेई क्षेत्रीय सचिवए गणेश जायसवाल क्षेत्रीय वित्त सचिव केसकर क्षेत्रीय चुने गए। बैठक में विभिन्ना क्षेत्रों से आए अभियंताओं के साथ केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य ने भाग लिया। कार्यकारिणी द्वारा मनोज वर्मा, अमर चौधरी को विशेष आमंत्रित के रूप में अंगीकृत किया। कार्यक्रम का संचालन संघ की प्रदेश प्रचार सचिव शिखा मिश्रा सिंह न प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मधु केरकेट्टा ने आभार प्रदर्शन किया।
चर्चा में विद्युत वितरण में कार्यरत अभियताओं को संसाधनों की आवश्यकता पर भी विस्तृत चर्चा की गई। पंप कनेक्शन हेतु नए ट्रांसफार्मर्स एवं उपलब्ध ट्रांसफार्मर्स की क्षमता वृद्धि का प्रस्ताव प्रबंधन के सामने रखने का भी निर्णय लिया गया। इससे एक ओर उपभोक्ता सेवाओं में बेहतरी होगी, जरूरतमंद किसानों को नए कनेक्शन मिल सकेंगे, वहीं वितरण कंपनी को भी लाभ होगा। तकनीकी उन्नायन योजना में 11 केवी व 33 केवी पर एपीएफसी लगा कर वोल्टेज की समस्या और लाइन लास काम करने के उपर प्रस्ताव तैयार करने की रूपरेखा बनी। यह भी कि राष्ट्रीय विद्युत नीति के अनुरूप सभी को सालाना ट्रेनिंग दिए जाने पर भी बल दिया गया। बैठक में मड़वा प्लांट में शिक्षा सुविधा और ट्रांसमिशन से संबंधित विभिन्ना तकनीकी विषयों और कठिनाई पर भी चर्चा की गई।