सर्वेश्वर एनीकट रेतघाट को एनजीटी से नहीं मिली स्वीकृति
जिले में गौण खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन के 243 प्रकरण दर्ज
कोरबा 28 अप्रैल। गेरवा का रेतघाट बंद होने के दस माह बाद भी शहर में दूसरा वैकल्पि घाट शुरू नहीं हो सका है। बीते वर्ष सीतामढ़ी और गेरवाघाट से रेत की आपूर्ति हो रही थी। सर्वेश्वर एनीकट बनने के बाद गेरवाघाट को रेत उत्खनन के लिए बंद कर दिया गया है। एनीकट के नीचे रेतघाट के लिए चिन्हांकित स्थल को एनजीटी ने अस्वीकृत कर दिया गया है। सीतामढ़ी में 356 क्यूबिक मीटर उत्खनन की अनुमति दी गई थीए वह भी मई माह में समाप्त हो जाएगी। घाट बंद होने से रेत संकट गहराने की संभावना फिर बढ़ गई है।
एकमात्र घाट का संचालन शहर के लिए पर्याप्त नहीं है। संकट से जूझ रहे शहर वासियों को अभी तक सुविधा नही मिली है। इसका सीधा असर रेत के अवैध उत्खनन पर पड़ा है। गेरवाघाट बंद होने से शहर के निकटवर्ती ढेंगुरनाला, परसाभाठा से अवैध उत्खनन बढ़ गई है। ग्रीष्म की शुरूआत से ही निर्माण कार्य में तेजी आ गइ है। ऐसे में रेत की मांग को देखते हुए माफियाओं की सक्रियता बढ़ गइ है। ट्रैक्टर व आटो जैसे छोटे वाहनों अवैध ढुलाई करने वाले जहां आसपास के नालों में सक्रिय हैं वही धनगांवए घमोटा जैसे जगहों में जेसीबी से रेत भरकर अवैध ढुुलाई हो रही है। बालको और शहर के टीपीनगर क्षेत्र में निर्माण कार्यो के लिए ठेकेदारों को गेरवाघाट रेत लेना आसान होता था। दूरी अधिक होने से सीतामढ़ी से परिवहन महंगा पड़ता है। ढेंगुरनाला से अवैध उत्खनन का रेत सस्ते दर में उपलब्ध हो जाता है। यही वजह है कि बिचौलियों के लिए अवैध उत्खनन कमाई का बड़ा जरिया बन गया है। शहर में पर्याप्त रेत घाट नहीं होने से सरकारी निर्माण में प्रगति नहीं है। सीएसईबी से ध्यानचंद चौक मार्गए दर्री बांध सामानांतर पुलए कन्वेंशन हाल जैसे बड़े काम अभी तक पूरे नहीं हुए है। वास्तविकता तो यह जिला खनिज विभाग गौण व मुख्य खनिज को संरक्षण देने के बजाए उसके उत्खनन स्वीकृति में उलझ गया है। बताना होगा कि जिले में कुल 14 रेत घाटों का संचालन हो रहा है। संचालित घाट निर्माण की दृष्टि से पर्याप्त नहीं है। मांग के अनुरूप रेतघाट नहीं खोलने की वजह अवैध उत्खनन को बढ़ावा मिल रहा।
बीते वर्ष की तुलना रेत चोरी की घटना में बढ़त हुई है। जिले भर में गौण खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन के अब तक 243 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जो बीते वर्ष की अपेक्षा 88 अधिक है। मामलों से 22 लाख रुपये जुर्माना वसूल की गई है। नेशनल हाईवे निर्माण करने के लिए संबंधित ठेकेदार गौण खनिज की अवैध उत्खनन कर रहे हैं। सबसे अधिक जुर्माना रेत परिवहन में हुई है। चार माह पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि खनिज के अवैध उत्खनन के लिए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगें। इसके बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई थी। पुलिस चौकी से खनिज विभाग ने अधिकारियों ने सप्ताह भर 100 से भी अधिक मामले दर्ज किए थे। पर्याप्त गौण खनिज खदान के अभाव में अवैध उत्खनन भी जारी है। जिला प्रशासन की कार्रवाई अब शिथिल पड़ गई है।