ओलंपिक, पैरालंपिक के बाद ‘डेफलंपिक्स’ में भारतीय खिलाड़ी दिखाएंगे जलवा
अब तक का सबसे बड़ा भारतीय दल रवाना
नईदिल्ली 28 अप्रेल। विदेशी धरती पर भारत का तिरंगा लहराने के लिए एक बार फिर भारतीय खिलाड़ी ब्राजील के लिए रवाना हो चुके हैं। दरअसल, ब्राजील के काक्सियास डो में 1 मई से शुरू होने वाले ‘डेफलंपिक्स 2021’ में भाग लेने के लिए भारतीय दल सोमवार को रवाना हुआ। एथलीटों के प्रस्थान होने से पहले केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने डेफलंपिक्स में भाग लेने वाले एथलीटों को गर्मजोशी से शुभकामनाएं दीं। केंद्र सरकार द्वारा खेल संबंधित उठाए गए कदमों को उन्होंने कहा कि, “चाहे ओलंपिक हो, पैरालंपिक हो या डेफलंपिक्स, भारत खेलों में सर्वाधिक गौरव हासिल करने के लिए सदैव पूरी तरह से तैयार रहा है।’’ डेफलंपिक्स 2021 में भारत की ओर से भाग लेने वाले एथलीट एथलेटिक्स, बैडमिंटन, जूडो, गोल्फ, कराटे, निशानेबाजी, तैराकी, टेनिस, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो और कुश्ती सहित कुल 11 खेल स्पर्धाओं में मेडल के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
*क्या है डेफलंपिक्स*
डेफलंपिक्स, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा स्वीकृत बहु-खेल आयोजन है , जिसमें श्रवण बाधित से पीड़ित एथलीटों विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हैं। प्रतियोगिता के दौरान परीक्षण एथलीटों को किसी प्रकार के श्रवण उपकरणों, जो सुनाई में सुधार या संशोधित करने में सक्षम हैं उनका उपयोग प्रतिबंधित रहता है। डेफलंपिक्स के आयोजन का उद्देश्य दुनिया भर में बधिरों के लिए खेल की अंतरराष्ट्रीय समिति के सिद्धांतों को बढ़ावा देना, जिससे बधिर समुदाय में वैश्विक सद्भावना पैदा हो।
*ओलंपिक के बाद सबसे पुराना आयोजन*
नौ यूरोपीय देशों के 148 एथलीटों की एक छोटी सभा के रूप में शुरू हुए डेफलंपिक्स, ओलंपिक के बाद सबसे पुराना खेल आयोजन है। विकलांग एथलीटों के लिए पहली बार अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन 1924 में पेरिस, फ्रांस में अंतरराष्ट्रीय मौन खेलों में प्रतिस्पर्धा करने वाले एथलीटों के साथ हुआ था। छोटे स्तर पर शुरू हुए ओलंपिक के बाद इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाला बहु-खेल आयोजन अब वे एक वैश्विक आंदोलन के रूप में विकसित हो गए हैं।
*भाग लेगा अब तक का सबसे बड़ा दल*
चार साल के अंतराल पर आयोजित होने वाले इस खेल में भारत के कुल 65 एथलीट भाग लेंगे, और इसके साथ ही यह भारत की ओर से डेफलंपिक्स में भाग लेने वाला अब तक का सबसे बड़ा एवं सबसे युवा दल होगा। डेफलंपिक्स के पिछले संस्करण का आयोजन वर्ष 2017 में तुर्की में हुआ था। भारत ने वर्ष 2017 में आयोजित डेफलंपिक्स में 46 प्रतिभागियों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था, जिसने कुल 5 पदक जीते थे। इनमें 1 स्वर्ण, 1 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल थे। इस बार भाग लेने वाले एथलीटों की संख्या अधिक और सरकार की त्वरित नीतियों से समुचित व्यवस्था उपलब्ध होने के कारण पदक तालिका बढ़ोत्तरी की उम्मीद है।
*खेलों पर सरकार दे रही विशेष ध्यान*
भारत खेल जगत की अगली बड़ी महाशक्ति बनाने के विजन के अनुसार देश में आदर्श खेल परिवेश निरंतर विकसित हो रहा है। प्रधानमंत्री का ‘चीयर फॉर इंडिया’ आह्वान देश में खेल भावना विकसित करने में गेम-चेंजर साबित हुआ है। भारत चाहे ओलंपिक हो, पैरालंपिक हो या डेफलंपिक्स, खेलों में सर्वाधिक गौरव हासिल करने के लिए सदैव पूरी तरह से तैयार है। खेल की बुनियादी सुविधाओं से लेकर खिलाड़ियों की प्रशिक्षण और उनके स्वास्थ्य देखभाल का समुचित ध्यान रखा जा रहा है, जिसका व्यापक परिणाम ओलिंपिक में देखने को मिला। सरकार के इन प्रयासों से आने वाले दिनों में पदकों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल सकेगी।