विधिक माप विज्ञान विभाग का बहुचर्चित निरीक्षक पालसिंह डहरिया फिर सुर्खियों में, दो लाख रिश्वत मांगने का आरोप
निरीक्षक डहरिया ने धर्मकांटा संचालक के खिलाफ दर्ज कराई शासकीय कार्य में बाधा डालने, धक्कामुक्की करने की रिपोर्ट
कोरबा 26 अप्रैल। विधिक माप विज्ञान (पूर्व प्रचलित नाम नाप तौल) विभाग के कोरबा सर्किल के निरीक्षक पालसिंह डहरिया अपने कार्यशैली को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में आ गए। सोमवार की शाम उरगा स्थित श्री नारायण पार्वती धर्मकांटा में असत्यापित मॉनिटर की जप्ती करने गए निरीक्षक पर जहां संचालक ने 2 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का सनसनीखेज आरोप लगाया, वहीं निरीक्षक ने संचालक पर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाद विवाद व मारपीट करने को लेकर उरगा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। घटना के बाद अधिकारी के समर्थन में उरगा थाने पहुंची क्रांति सेना के दर्जनों युवाओं के हंगामे के बाद पुलिस ने गोपाल मोदी सहित तीन के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने पर धारा 186, 353, 332, 34 के तहत एफ आई आर दर्ज कर लिया है। घटना के बाद राईस मिलर्स सहित शहर के व्यापारी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर लामबंद हो गए हैं।
जानकारी अनुसार उरगा में श्री नारायण पार्वती धर्मकांटा संचालित है। धर्मकांटा में लोहे के एक प्लेटफार्म लगा रहता है। जिसके नीचे एक मॉनिटर रहता है, जो डिस्प्ले में वजन प्रदर्शित करता है। श्री नारायण पार्वती धर्मकांटा में लगा यह डिस्प्ले कोरोना की तीसरी लहर के दौरान खराब हो गया। चूंकि मॉनिटर जिस कंपनी का था उसे नागपुर से मंगाना पड़ता। लिहाजा तत्कालिक तौर पर स्थानीय स्तर पर एक फर्म से लोकल मॉनिटर की व्यवस्था कर संचालक ने धर्मकांटा को सुचारू बनाए रखा। 12 अप्रैल को विधिक माप विज्ञान विभाग के कोरबा सर्किल के निरीक्षक पॉलसिंह डहरिया सत्यापन के लिए पहुंचे थे। लेकिन संचालक गोपाल मोदी के बाहर होने की वजह से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। बकौल गोपाल मोदी, इस दिन निरीक्षक ने बिना विभाग को सूचना दिए मॉनिटर बदलने पर नाराजगी जताते हुए मॉनिटर किस फर्म से खरीदा उससे जुड़े कागजात (इनवॉइस) व पता नहीं देने पर कार्रवाई की बात कही थी। कार्रवाई से बचने की सूरत में 2 लाख रुपए की डिमांड की थी।संचालक ने उक्त राशि देने से इंकार कर दिया था। साथ ही कोविड कॉल का हवाला देते हुए व्यवस्था अनुरूप स्थानीय स्तर पर मॉनिटर खरीदने की बात कही थी। सोमवार को पुनः निरीक्षक पॉलसिंह डहरिया अपने कथित स्टॉफ और उरगा पुलिस के एक आरक्षक के साथ धर्मकांटा पहुंचे थे। जहां बकौल निरीक्षक पालसिंह डहरिया उन्होंने असत्यापित अवैध धर्मकांटा के मॉनिटर बदलने पर नियमों का हवाला देते हुए जिस फर्म से स्थानीय स्तर पर मॉनिटर लगवाया गया उसका इनवॉइस मांगा। ताकि विधिवत सत्यापन की कार्रवाई पूरी की जा सके। लेकिन इस दौरान संचालक के भांजा आकाश अग्रवाल ने उक्त दस्तावेज दिखाने की जगह अपने मामा गोपाल मोदी को फोन पर बात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। संचालक गोपाल मोदी ने फोन पर उन्हें परिसर में घुसकर कार्रवाई करने पर धमकी दी जहां उन्होंने एक शासकीय अधिकारी के कर्तव्य व अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए कार्रवाई जारी रखी। मॉनिटर की जप्ती बनाकर आकाश अग्रवाल को सुपुर्दगी नामा पर हस्ताक्षर करने की बात कही। लेकिन आकाश ने हस्ताक्षर नहीं किया। वहीं इस पूरी प्रक्रिया के बीच संचालक गोपाल मोदी पहुंच गए। जहां उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध किया व सुपर्दगीनामा पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया व उनसे वाद विवाद धक्का मुक्की की। इस दौरान उन्हें चोटें आई। वहीं संचालक की मानें तो सुपर्दगीनामा बनाने के बाद 12 अप्रैल की तरह वो कार्रवाई न करने के लिए 2 लाख रुपए मांग रहे थे। रुपये देने से इंकार करने पर जबरदस्ती मॉनिटर उखाड़कर ले जा रहे थे। वे अपने साथ 5 से 6 गुंडे लेकर आए थे जिन्होंने उनके साथ धक्का मुक्की की। बहरहाल पुलिस ने गोपाल मोदी सहित तीन के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने पर धारा 186, 353, 332, 34 के तहत एफ आई आर दर्ज कर लिया है। घटना के बाद राईस मिलर्स सहित व्यापारी संघ भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर लामबंद हो गए हैं।
एससी एसटी एक्ट में फंसाने की शुरू से दे रहे थे धमकी, बिना विवेचना पुलिस ने किया एफआईआर -मोदी
संचालक गोपाल मोदी ने बताया कि विधिक माप विज्ञान विभाग के निरीक्षक पाल सिंह डहरिया शुरू से ही अपनी जाति का बेजा फायदा उठाकर उन्हें एस सी एस टी एक्ट के तहत फंसाने की धमकी दे रहे थे और अंततः उरगा थाना में झूठा एफ आई आर दर्ज करवा ही दिया। और पुलिस भी उनके समर्थन में पहुंची चंद लोगों की भींड़ को देखते हुए बिना विवेचना प्रकरण में एफ आई आर दर्ज कर दी, जो हैरान करने वाली है। उन्होंने कहा कि पुलिस की ऐसी कार्यशैली रही तो कोई किसी के भी खिलाफ थाने के बाहर भींड़ इक्कठा कर एफआईआर दर्ज करवा देगा । विवेचना की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
गृह जिले में पदस्थ हैं डहरिया, शुरू से ही रहा है विवादों से नाता, कोरबा में हुए तीन विवाद एक नजर में
निरीक्षक पालसिंह डहरिया जिस जिले में रहे वहां उनका विवादों से नाता रहा है। चाहे वो जांजगीर जिला हो या रायगढ़। हर जगह उनकी कार्यशैली पर सवाल उठे। रायगढ़ में तो कोविड के दौरान लॉक डाउन का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ पुलिस ने एफ आई आर भी दर्ज की थी। रायगढ़ में ही इन पर विभाग के कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने की शिकायत भी हुई थी। मामले की जांच भी की गई।
बात करें कोरबा की तो मूलतः कोरबा जिले के ही (ग्राम गोढ़ी) निवासी होने के बावजूद इनका यह तीसरा विवाद है। सबसे पहले दीपावली के दौरान 2 नवंबर 2021 को धनतेरस के दिन इनका कोरबा फटाका विक्रेता संघ के पदाधिकारियों से विवाद हुआ था। लीग से हटकर काम करने में चर्चित श्री डहरिया त्यौहार के दिन फटाका की जांच करने पहुंच गए थे। इससे आक्रोशित फटाका विक्रताओं ने उन्हें घेर लिया था।मामला पुलिस प्रशासन तक पहुंचा तो उल्टे पांव बैरंग वापस लौटे। धान खरीदी अभियान के दौरान 3 नवंबर 2021 को भी इनकी कार्यशैली को लेकर हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई। श्री डहरिया अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर तराजू बांट के सत्यापन की जगह उपार्जन केंद्र कुदुरमाल में समर्थनमूल्य में खरीदे गए धान का वजन कराने पहुंच गए थे। जहां प्रबंधक को नोटिस देने के बाद बवाल मच गया था। प्रशासन ने ही जांच में यह कार्य उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए कार्रवाई को विधि विरुद्ध बताया। जहां इनकी खूब फजीहत हुई थी। इसके बाद अब 25 अप्रैल 2022 को उरगा स्थित पार्वती धर्मकांटा में सत्यापन के नाम पर इन पर 2 लाख रुपए की उगाही का आरोप लगा है।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने कलेक्टर को दंडात्मक कार्रवाई करने लिखा पत्र
जिला चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने उक्त घटना की कड़ी निंदा की है। संघ के अध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर निरीक्षक पाल सिंह डहरिया द्वारा की गई झूठी शिकायत निरस्त कर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि निरीक्षक श्री डहरिया व्यापारियों को बेवजह परेशान कर रहे हैं। रिश्वत नहीं देने पर झूठे मामले में फंसा रहे हैं।
वर्जन
आरोप निराधार, असत्यापित था मॉनिटर
पार्वती धर्मकांटा अवैध असत्यापित था। संचालक ने बिना विभाग को सूचना दिए मॉनिटर लगवाया है जो असत्यापित है। संचालक फर्म का विवरण व खरीदी संबंधी इनवॉइस भी प्रस्तुत नहीं कर रहे थे। हम विधिवत जप्ती की कागजी कार्रवाई पूरी कर रहे थे। पैसे की डिमांड करने का आरोप निराधार है।
पाल सिंह डहरिया, निरीक्षक, विधिक माप विज्ञान कोरबा
वर्जन
पैसे की कर रहे थे डिमांड, गुंडे लेकर पहुंचे थे
निरीक्षक श्री डहरिया शुरू से ही मुझे परेशान कर रहे। चाहे वो लेट फीस के नाम पर हो या सत्यापन। कोविड कॉल में व्यवस्था अंतर्गत लगाए गए मॉनिटर को असत्यापित बताकर फर्म का विवरण मांगने कार्रवाई का भय दिखा रहे थे। कैंपस में 5 से 6 अवांक्षित तत्वों (गुंडों)के साथ पहुंचे थे। वे ही जप्ती, सुपुर्दगी करने के बाद मॉनिटर उखाड़कर ले जा रहे थे। विरोध पर हंगामा किया। 2 लाख रुपए की रिश्वत नहीं देने पर यह सब किया। चोट उन्हें खुद के कार के डोर से टकराने से लगी। पुलिस ने भींड़ के भय में बिना विवेचना एफआईआर की। हमने भी एफआईआर दर्ज कराई है।
गोपाल मोदी, संचालक श्री नारायण पार्वती धर्मकांटा उरगा
(साभार- हसदेव एक्सप्रेस)