मिर्ची @ गेंदलाल शुक्ल
सी. एम. से शिकायत- हमको अतिथि नहीं बनाया….
नगर में स्वर्गीय माता बिन्देश्वरी देवी स्मृति राष्ट्रीय महिला फुटबाल स्पर्धा चल रहा है। इस आयोजन में देश भर से सत्रह राज्यों की टीम हिस्सा ले रही है। कार्यक्रम में शहर सहित जिले भर से विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख नागरिक बतौर अतिथि शामिल हो रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों को भारी दर्द हो रहा है, कि उन्हें आयोजन में बतौर अतिथि शामिल होने का अवसर नहीं दिया जा रहा है। अतिथि नहीं बनाये जाने से पीड़ित लोग भीड़ लेकर रायपुर पहुंच गये। वहां उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कथित रूप से भेंट की। मुख्यमंत्री से शिकायत की गयी कि नगरीय निकाय के शीर्ष पद पर होने के बाद भी इस बड़े आयोजन में उन्हें अतिथि नहीं बनाया गया है। यही नहीं जिले के दबंग पार्टी नेता को भी कार्यक्रम से दूर रखा गया है। अतिथि नहीं बनाने से पीड़ित इन नेताओं को कौन समझाये कि मांगने से सम्मान नहीं मिलता। समाज में कर्मों और आचार-व्यवहार के आधार पर सम्मान हासिल होता है। बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद भी इन नेताओं को फुटबाल स्पर्धा में अतिथि की आसंदी पर बैठने का अवसर नहीं मिल सका है।
तीन सौ करोड़ी घपले की साजिश से कब उठेगा पर्दा?
छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री के गृह जिले में तीन सौ करोड़ रूपयों का मुआवजा घोटाला होते-होते रह गया। दरअसल- हरदी बाजार- तरदा सड़क निर्माण के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहित की जा रही थी। भूमि का चयन होने के बाद
अधिग्रहण की प्रक्रिया के बीच इन जमीनों की खरीदी-बिक्री और नामान्तरण पर कलेक्टर कोरबा ने प्रतिबंध लगा दिया। इस आशय के आदेश से जिला पंजीयक को भी सूचित किया गया। लेकिन कलेक्टर के आदेश को ठेंगा दिखाकर उनके अपने ही अधिनस्थ अधिकारियों ने बड़ी साजिश रच दी। मुआवजा दर के आधार पर अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए बड़ी जमीनों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट दिया गया। उनकी खरीदी- बिक्री, पंजीयन और नामान्तरण कर दिया गया। इस साजिश से शासन पर दस गुना अधिक मुआवजा राशि का भार पड़ रहा था। भला हो प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का, जिन्होंने शिकायत मिलते ही जांच का आदेश दिया। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होते ही कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने प्रक्रिया पर रोक लगा दी और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी। अब मामले में कार्रवाई का इंतजार है। मामले में बड़ी बात यह है कि गरीबी रेखा राशन कार्ड का चावल खाने वाले एक कांग्रेस नेता ने भी टुकड़े- टुकड़ों में लाखों रूपयों की जमीन खरीदी है। कहा तो यह भी जाता है कि इस घोटाले में शहर के बड़े कांग्रेस नेता सहित अधिकारियों ने कालाधन लगाकर जमीन की बेनामी खरीदी की है?
जो टेन्शन देता है, वहीं असली नेता है…।
कहते है जो टेन्शन देता है, वहीं असली नेता है। इस कहावत पर जिले के एक नेता केदारनाथ अग्रवाल बिल्कुल फिट बैठते हैं। वे आये दिन लोगों को टेन्शन देते रहते हैं। हाल ही में अग्रवाल सभा के चुनाव को भी इन्होंने टेंन्शनिया दिया। अग्रवाल सभा के पूर्व अध्यक्ष श्रीकांत बुधिया की दोबारा ताजपोशी की योजना बंगले में बनायी गयी। दिखावे के लिए चार नामांकन भराये गये। पहले से तय था कि तीन प्रत्याशी नाम वापस ले लेंगे और बुधिया जी निर्विरोध चुन लिये जायेंगे। लेकिन टेन्शनबाज नेता केदारनाथ अग्रवाल ने धमाकेदार एन्ट्री मारकर सबको टेन्शन दे दिया। इनके नामांकन दाखिले के
बाद बंगले में खलबली मच गयी। साम-दाम-दण्ड-भेद का खेल शुरू हुआ। आखिरकार केदारनाथ अग्रवाल ने नाम वापस ले लिया। श्रीकांत बुधिया निर्विरोध अध्यक्ष बन गये। लेकिन बंगले से लेकर सड़क तक चार घंटे तक टेन्शन बना रहा।