मुआवजा को लेकर रेल कारीडोर का काम दूसरे दिन भी ग्रामीणों ने रखा बंद
कोरबा 21 फरवरी। मुआवजा दिए बगैर किसानों की जमीन में रेल कारीडोर बिछाने का विरोध दूसरे दिन भी जारी रहा। ग्रामीण रेल कारीडोर में धरना देकर बैठ गए। उनका कहना है कि जमीन अधिग्रहण के एवज में मुआवजा पहले प्रदान किया जाए, उसके बाद निर्माण कार्य करने दिया जाएगा।
गेवरारोड़. पेंड्रारोड रेल कारीडोर निर्माण के लिए ग्रामीणों की जमीन अधिग्रहित की गई है। इसके एवज में मुआवजा ग्रामीणों को दिया जाना थाए पर अभी तक मुआवजा नहीं मिला और रेल कारीडोर का काम शुरू हो गया। इस पर छत्तीसगढ़ किसान सभा की अगुवाई में पुरैना नदी के पास ग्रामीणों ने गेवरा.पेंड्रा रोड रेल कारिडोर निर्माण का काम रोक दिया। निर्माण एजेंसी को उम्मीद थी कि एक दिन के विरोध के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा, पर दूसरे दिन भी ग्रामीणों ने काम बंद करा कर रखा। तंबू गाड़कर विरोध प्रदर्शन हुए धरने में बैठे गए। किसानों का आरोप है कि उनकी अधिग्रहित जमीन और पेड़ों का मुआवजा उन्हें अभी तक मिला नहीं है और अपनी जमीन रेल कारिडोर में अधिग्रहित होने के बाद कार्यालयों का चक्कर काट कर थक चुके हैं। ग्रामीणों के विरोध और आक्रोश को देखते हुए दूसरे दिन भी रेल कॉरिडोर का काम रुका रहा। किसान सभा ने घोषणा की है कि किसानों के मुआवजा प्रकरण का निराकरण होने तक रेल कारिडोर का कार्य का काम होने नहीं दिया जाएगा। किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा ने कहा कि रेल कारिडोर के काम को रोकने के दूसरे दिन तीन गांव पुरैना, ढुरेना व देवगांव के किसान धरना स्थल पर इकट्ठा होकर रेल कारिडोर का विरोध कर रहे हैं।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि मुआवजा के लिए किसानों ने कई बार जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन अभी तक समस्या का निराकरण नहीं किया गया है। जब तक समस्या का निराकरण नहीं होगा, तब तक रेल कारिडोर का निर्माण नहीं होगा। इस दौरान प्रमुख रूप से शिवरतन सिंह कंवर, मोहपाल सिंह, राय सिंह,सारण सिंह, कवल सिंह कंवर, समान सिंह कंवर, निरतु सिंह, भुवनपाल, टिकैत राम, बुधवार, गंगाराम, रामगोपाल, प्रभुदयाल, ददुलाल, पत्थर सिंह, राम सिंह, सहेत्तर सिंह के साथ काफी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।