लक्ष्य पूरा करने नौ दिन में खरीदनी होगी 3.81 लाख क्विंटल धान
कोरबा 16 जनवरी। शासन ने 31 जनवरी तक धान खरीदी की समय सीमा तय की है। शनिवार, रविवार व गणतंत्र दिवस अवकाश को छोड़ दिया जाए तो अब तो नौ दिन तक ही किसान धान बिक्री कर सकेंगे। जिला प्रशासन ने इस वर्ष 15 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। अब तक 11.45 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। 14782 किसानों ने अभी भी धान नहीं बेचा है। लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रशासन को नौ दिनों में 4.55 क्विंटल धान की खरीदी करनी होगी।
मौसमी उतार चढ़ाव के साथ बारिश धान खरीदी में बाधा बनी। शुक्रवार को हुई बारिश के कारण उपार्जन केंद्रों में खरीदी बीच में रोकना पड़ा। अभी भी 500 से भी अधिक किसानों का धान उपार्जन केंद्र में रखा है। शनि और रविवार को खरीदी नहीं होने से अब किसान सोमवार को धान बेच सकेंगे। जिले में धान बिक्री के लिए इस वर्ष 40 हजार 132 किसानों ने पंजीयन कराया है। बारिश का साथ होने से इस बार खेतों में धान की बंफर पैदावार हुई है। रकबा और पंजीकृत किसानों की संख्या देखतें हुए प्रशास ने भी लक्ष्य बढ़ा रखा है। दिसंबर माह के अंत में बारिश होने खरही का धान भीगने में मिजाई में देरी हुई है। तीन दिन से जारी मौसम में खराबी और बारिश के कारण किसान धान नहीं बेच पाए हैं। खलिहान गीला होने से कई किसान अभी भी मिजाई पूरा नहीं पाए हैं। धान में नमी आने के कारण भी किसानें उपार्जन केंद्र नहीं आ रहे। उपार्जन केंद्र से वापसी की शंका से किसान मौसम खुलने का इंतजार कर रहे हैं। किसानों की माने तो धान की खरीदी के लिए 31 जनवरी का समय पर्याप्त नहीं है। बारिश ने धान खरीदी केंद्र से किसानों की दूरी बढ़ा दी है। समय सीमा नहीं बढ़ाई गई तो हजारों किसान धान खरीदी से वंचित हो जाएंगे।
जिला विपणन विभाग की ओर से भले ही 65 फीसदी धान उठाव का दावा किया जा किया जा रहा है। वास्तविकता यह कि अब तक हुई खरीदी से अधिकांश किसानों के गोदाम धान से भर चुके हैं। जिस तरह से उपार्जन केंद्रों में धान रखने की समस्या हो रही उसी तरह मिलर्स के गोदाम में भी समस्या हो रही। बारिश के कारण अभी भी वातावरण में नमी बनी हुईए जिसका सीधा असर धान पर भी पड़ रहा है। मिलिंग करने से चावल टूटने की शिकायत आ रही। यही वजह है कि मिलर्स धान का उठाव नहीं कर रहे और उपार्जन केंद्रों में धान जाम होने लगा।