नाराज ग्रामीणों ने नौकरी देने की मांग को लेकर कुसमुंडा खदान में दो घंटे बंद रखा कोल डिस्पैच

कोरबा 12 जनवरी। एक व्यक्ति के नहर में गिर जाने से नाराज ग्रामीणों ने कुसमुंडा खदान में कोल डिस्पैच रोक दिया। ग्रामीणों का कहना था कि ग्रामीणों के आवागमन के लिए बने पुल से भी भारी वाहन व ट्रेलर आवागमन कर रहे हैं। दो घंटे बाद आश्वासन मिलने पर कोल डिस्पैच शुरू हो सका।

अधिकारिक जानकारी के अनुसार ग्राम बरकुटा निवासी सबीत लाल पटेल 42 वर्ष सर्वमंगला मंदिर से अपने गांव पैदल आ रहा था। इसी दौरान नहर में बने पुल से वह पार हो रहा था, उसी समय कुसमुंडा खदान की ओर से एक ट्रेलर पुल पर आ गई, इससे ग्रामीण अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन फानन में उसे इलाज के किये कोरबा अस्पताल भर्ती कराया गया है, जहां उसकी स्थिति गम्भीर बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि जहां पर हादसा हुआ, वहां दो पुल बने हुए हैं, इसलिए इसे जोड़ा पुल कहा जाता है। एक पुल पर कुसमुंडा खदान की ट्रेलर चलती है और एक पर ग्रामीण आना जाना करते हैं, पर दूसरे पुल पर भी ट्रेलरों का चलना शुरू हो गया है, जिससे कई स्थानों पर पुल की रेलिंग टूट गयी है। ग्रामीण रेलिंग के सहारे गुजर रहा था तब ही एक ट्रेलर आ गई और वह अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरा। घायल के इलाज के लिए उचित मुआवजे की राशि कुसमुंडा प्रबंधन से मांग की गई, पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे नाराज ग्रामीणों ने काम बंद करा दिया। ग्रामीणों ने बताया कि घायल ग्रामीण के परिवार की जमीन कुसमुंडा खदान में समाहित हो चुकी है। परिवार का एक व्यक्ति नौकरी की पात्रता रखता है, पर ग्रामीण को कम दिखाई देने की वजह से उसके भाई को नौकरी मिलती, लेकिन उसकी भी करंट लगने से दोनों हाथ ने काम करना बंद कर दिया है। घायल ग्रामीण की पत्नी नौकरी के लिए ऑफिस के चक्कर काट रही है, पर अभी तक समस्या का निराकरण नहीं किया गया।

जानकारी मिलते ही एसईसीएल के अधिकारी व पुलिस मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश देने का प्रयास किया, पर ग्रामीण अड़े रहे। बाद में कुसमुंडा पुलिस ने ग्रामीणों को कार्यालय पहुंच कर चर्चा करने कहा। वार्ता के दौरान घायल व्यक्ति के इलाज के लिए 10 हजार रुपये की राशि व नौकरी के लिए जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दिया हैं। इसके बाद आंदोलन खत्म हुआ।

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