राशन दुकानों में घटिया चावलः इन सवालों को है जवाब का इंतजार, जांच पर जांच बैठाने की जरूरत है
कोरबा 3 जनवरी। शासकीय राशन दुकानों में अमान्य श्रेणी का चावल प्रदाय का मामला अनेक सवालों को जन्म दे रहा है। इस बीच जांच समिति ने छुरी और कोरबा गोदाम में 50 स्टेक चावल को मानक श्रेणी का सर्टिफिकेट दे दिया है। अब यहां से राशन दुकानों में घटिया चावल प्रदाय की शिकायत नहीं होगी।
पिछले दिनों शासकीय राशन दुकान में डिस्कलर (बगरी) और ब्रोकेन चावल वितरण की शिकायत मिली थी। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने वेयर हाऊस में संग्रहित चावलों की जांच का निर्देश दिया था। कोरबा और छूरी के गोदामों में जांचकर 59 स्टेक में से 54 स्टेक मानक और 05 स्टेक अमानक श्रेणी का पाया गया। संबंधित राईस मिल मालिकों को 05 स्टेक चावल बदलकर देने का आदेश दिया गया है। इन गोदामों में अब अमानक चावल नहीं रह गया है। लिहाजा अब राशन दुकानों को अमानक चावल प्रदाय नहीं होगा। अगर भविष्य में ऐसी शिकायत मिलती है, तो या तो परिवहनकर्ता या फिर राशन दुकानदार चावल की हेराफे री के लिए जिम्मेदार माना जायेगा।
बहरहाल इस मामले के खुलासे के बाद एक बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि नान के गोदाम में अमानक श्रेणी का चावल आया कैसे? चावल जमा लेते समय फर्जीबाड़ा किया गया था अथवा जांच के समय फर्जीबाड़ा किया गया? ज्ञात हो कि कस्टम मिलिंग का चावल जमा करते समय नागरिक आपूर्ति निगम के क्वालिटी इंस्पेक्टर चावल की गुणवत्ता का परीक्षण करते हैं। इसके बाद ही गोदाम में चावल जमा होता है। प्रश्न यह है कि क्या क्वालिटी इस्पेक्टर अमानक श्रेणी के चावल को फर्जीबाड़ा कर जमा करा दिया था? और यदि जमा करते समय चावल मानक श्रेणी का था, तब वही क्वालिटी इस्पेक्टर अब जांच में चावल को अमानक श्रेणी कैसे बता रहा है? क्या चावल नान के गोदाम में रखे-रखे अमानक हो गया? अगर गोदाम में रखे-रखे अमानक हो गया, तो कोई राईस मिल मालिक इसके लिए जिम्मेदार कैसे हो सकता है? अगर अमानक श्रेणी का चावल जमा लिया गया था, तो क्वालिटी इस्पेक्टर और डी.एम.नान के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है?
अमानक चावल कैसे आया? नान बतायेगाः-
इस संबंध में फुड आफिसर जे. के. सिंह से चर्चा की गयी तो उन्होंने कहा कि गोदामों में अमानक श्रेणी का चावल कैसे आया? यह नान के अधिकारी बतायेंगे। क्योंकि चावल जमा लेते समय क्वालिटी इस्पेक्टर चावल की गुणवत्ता परीक्षण करते हैं। एक अन्य प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कोरबा और छूरी में जांच के बाद मानक श्रेणी के चावल हैं। राशन दुकानों को भविष्य में कोई शिकायत नहीं रहेगी। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि आगे शिकायत आयेगी तो फिर जांच की जायेगी। फुड आफिसर के इस कथन से संदेह पैदा होता है कि चावल गुणवत्ता जांच समिति ने, जांच में गड़बड़ी तो नहीं की है? अगर गड़बड़ी नहीं की है, तो भविष्य में 54 स्टेक के चावल को लेकर कोई शिकायत क्यों आयेगी? इस सिलसिले में नागरिक आपूर्ति निगम की डी.एम.प्रज्ञा कदम से मोबाईल पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने मोबाईल उठाना मुनासिब नहीं समझा, जिसके कारण नान का पक्ष नहीं लिया जा सका।
अमानक चावल प्रकरण में अभी जांच अधूरी है। जिले के उरगा, कटघोरा और पाली के गोदामों की जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। इसके अलावे इस मामले में जो अनेक अनुत्तरित प्रश्न हैं, उनका भी उत्तर आना शेष है। जांच समिति से यह अभिमत लेना भी जरूरी है, कि अमानक श्रेणी का चावल जमा कराया गया था अथवा गोदाम में रखे-रखे ही चावल की गुणवत्ता खराब हो गयी? इससे इतर यह भी जांच समिति से पूछा जाना चाहिये, कि गोदाम से राशन दुकान पहुंचाने के दौरान परिवहनकर्ता ने तो चावल नहीं बदल दिया अथवा राशन दुकानदार ने तो अच्छे चावल की जगह घटिया चावल रखकर वितरण का प्रयास नहीं किया? कुल मिलाकर गुणवत्ता जांच समिति की जांच पर एक और जांच बैठाने की जरूरत से इनकार नहीं किया जा सकता।