प्रबंधन के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता, ग्रामीणों ने किया आंदोलन स्थगित

कोरबा 26 दिसंबर। रोजगार की मांग को लेकर रविवार को प्रस्तावित खदान बंद आंदोलन ग्रामीणों ने स्थगित कर दिया। प्रबंधन के साथ हुई सकारात्मक चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। प्रबंधन ने आश्वस्त किया कि खदानों में नियोजित होने वाली ठेका कंपनियों में 50 फीसद स्थानीय लोगों को रोजगार देने के प्रयास किया जाएगा, ताकि स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिल सके।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की कुसमुंडा खदान के प्रभावित ग्रामीणों द्वारा पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जायसवाल की अगुवाई में ठेका कंपनियों में स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाने की मांग लेकर 26 दिसंबर को खदान बंद करने की तैयारी में जुटा था। शनिवार को महाप्रबंधक संजय मिश्रा की उपस्थिति में द्विपक्षीय वार्ता आयोजित की गई। इस दौरान महाप्रबंधक संजय मिश्रा ने कहा कि आने वाले समय में खदान विस्तार के लिए भू-अर्जन की विकट समस्या हैए इसके लिए अभी से ही काम करना होगा। यहां अनेक भू-विस्थापित समितियां, संगठन है, पर सभी का उद्देश्य उचित बसावट, मुआवजा व रोजगार है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को आश्वस्त करते कहा कि कुसमुंडा खदान में जो भी नया ठेका का कार्य शुरू होगा, उसमें 50 फीसद रोजगार खदान से प्रभावित ग्रामीणों को दिया जाएगा। इस पर कांग्रेस नेता अजय जायसवाल ने कहा कि पहले अनेक बार कुसमुंडा प्रबंधन को रोजगार की मांग को लेकर आवेदन दिए, पर कोई पहल नहीं हुई। भू-विस्थापित व प्रभावित ग्रामीण बेरोजगार है और उनकी मांग रोजगार हैं। कुसमुंडा प्रबंधन ने केवल उत्पादन पर ध्यान दिया, रोजगार पर नहीं। प्रबंधन द्वारा निराश किए जाने पर ही आंदोलन की स्थिति निर्मित हुई है। जमीन, घर देने के बाद भी रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन से ही एक विभागीय अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करें, जिनके पास ग्रामीणों का बायोडाटा जमा हो। हम रोजगार के लिए ठेका कंपनी के पास नहीं जाएंगे, ग्रामीण कंपनी के अधिकारियों के पास जाएंगे, उन्हें बायोडाटा देंगे और वहां तय होगा कि कौन किस कंपनी में काम करेगा, इसके अलावा जो मजदूरों का पेमेंट होगा वह निर्धारित एचपीसी वेजेस पर ही देना होगा, किसी ग्रामीण के साथ ठेका कंपनी दुर्व्यवहार नही करें।

महाप्रबंधक संजय मिश्रा ने कहा कि महाप्रबंधक आपरेशन वीके सिंह नोडल अधिकारी होंगे और उनके नेतृत्व में 10 विभागीय अधिकारी कर्मचारी की डयूटी लगाई जाएगी, जो सुबह 10 से शाम पांच बजे तक कार्यालय में ही सभी ग्रामीणों के बायोडाटा इकट्ठे करेंगे। शाम को स्कूटनी के बाद योग्यता के अनुसार एक सप्ताह के अंदर काम पर रखा जाना शुरू कर देंगे। मिश्रा ने ठेका कंपनियों से कहा कि सीधे भर्ती नहीं करें और नोडल अधिकारी के पास आने वाले आवेदन पर निर्णय लिया जाए। जो वर्कर स्किल नहीं है उन्हें स्किल करने ट्रेनिंग प्रदान करें। एसईसीएल में क्लिप पोर्टल है और पेमेंट सीधे मजदूरों के खाते में जाएगा। जो कंपनी कम पेमेंट कर रही है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कुछ ग्रामीणों ने नियोजित सामंता कंपनी द्वारा 220 रुपये के हिसाब से रोजी देने की बात पर मिश्रा ने तत्काल चिट्ठी जारी करने आदेश दिया।

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