जल प्रदूषण सहित सभी खतरों पर नियंत्रण करने की आवश्यकताः अनिल कुमार

कोरबा 21 दिसंबर। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के संरक्षक अनिल कुमार ने मौजूदा दौर से जुड़ी चुनौतियों को लेकर इस बात की जरूरत जताई है कि व्यापक जनहित को देखते हुए जल प्रदूषण सहित साी खतरों पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है। सर्व संबंधितों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

प्रेस को संबोधित करते हुए डॉ अनिल कुमार ने बताया कि कोरबा जिले में खनन और उत्पादन संबंधी गतिविधियां बड़े पैमाने पर चल रही है। प्रबंधनों के द्वारा अपशिष्ट का उचित प्रबंधन करने के बजाय आसपास में फेंक दिया जाता है। इसके लिए उन पैरामीटर्स का ध्यान नहीं रखा जा रहा है जो एनजीटी और सरकार के द्वारा बनाए गए हैं और इन्हें हर हाल में पालन किया जाना है। अनिल कुमार ने बताया कि अपशिष्ट को लेकर लापरवाही बरते जाने से कई प्रकार के खतरे हो जाते हैं और कुल मिलाकर जनता के स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस बात को भी बताया गया कि उद्योग प्रबंधनों के द्वारा दूषित तत्व आसपास में डालने के साथ उपर से मिट्टी पाटी जा रही है। पानी बरसने पर यह केमिकल भूमिगत जल में जाकर मिल जाएगा , जिससे पूरे कोरबा क्षेत्र की भूमि और जल प्रदुषित हो जाएगा और मानव के उपयोग हेतु नही रह जाएगा । लोगों की हड्डियां गल जायेगी , भयानक रोग फैल जाएंगे । राखंड डेम में निर्धारित स्ह्रक्क का पालन नहीं किया जाता है । जिसके कारण राख पूरे कोरबा शहर में फैल जाती है और प्रदूषण फैलाता है। प्रेस कांफ्रेंस में बीएमएस के सुरेश साहू, सुरेश चौबे और आनंद पांडेय उपस्थित रहे।

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