खुद बेरोजगारी से उबरे, अब युवाओं को जोड़कर दिखा रहे स्वालंबन की राह
कोरबा 17 दिसंबर। एमए और बीएड की पढ़ाई पूरी कर पवन कुमार ने मछली पालन को अपनी आय का जरिया बनाया है। यही नही वे अपने साथ गांव के युवाओं को जोड़कर मछली पालन व्यवसाय के जरिए उन्हें स्वावलंबन की राह में ले जा रहे हैं। शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर मछली पालन कर पवन कुमार और उनके 10 से अधिक साथियों ने मिलकर 40 हजार रूपये से अधिक का लाभ कमाया हैं।
विकासखंड करतला अंतर्गत ग्राम नवापारा के युवा पवन कुमार प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद पवन कुमार कंवर ने स्वरोजगार का रास्ता चुनकर युवाओं को प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। मछली पालन से हुए आवक से प्रोत्साहित होकर वे अपने समूह के सदस्यों के साथ स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए मुर्गी पालन करने की भी योजना बना रहे हैं। पवन ने गांव के ही 10-12 युवाओं को जोड़कर जय बूढ़ा देव समूह बनाया है। समूह के सदस्यों ने गांव के ही रामसागर तालाब के लीज पर लेकर मछली पालन कर रहे हैं। वे बताते हैं कि गांव के ही युवाओं के साथ मिलकर स्वरोजगार स्थापित करने के लिए मछली पालन करने की योजना बनाई। उन्होंने बताया कि मछली पालन विभाग से संपर्क करने पर जरूरी तकनीकी मार्गदर्शन और शासकीय योजनाओं के बारे में जानकारी मिली। पवन कुमार ने अपने साथियों के साथ मिलकर लगभग डेढ़ एकड़ के तालाब को लीज पर लिया। समूह के सभी युवा मिलकर तालाब में लगभग 16.17 किलोग्राम मछली बीज डालकर मछली पालन शुरू किए। विभाग से मिले ग्रास कार्प, रोहू, कतला, मृगल एवं बी-ग्रेड मछली बीज तालाब में डाले गए।
पवन कुमार ने बताया कि मछली पालन विभाग के मार्गदर्शन में आधुनिक तकनीक से मछली पालन कर एक सीजन में 300 किलोग्राम मछली उत्पादन हुआ। थोक एवं चिल्हर के रूप में उत्पादित मछली को बेचकर समूह की 40 हजार रूपये की आमदनी हुई। उच्च शिक्षित होने के बावजूद स्वयं रोजगार के साधन विकसित कर पवन कुमार युवा वर्ग को स्वावलंबन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांव में ही मछली पालन करने से गांव के युवाओं को स्थानीय तौर पर रोजगार मिल रहा है। समूह के युवा मछली पालन के साथ-साथ अपने घर के खेती-किसानी का काम भी आसानी से कर रहे हैं।