रोजगार की मांग को लेकर भू-विस्थापितों ने कराया कुसमुंडा खदान में काम बंद

कोरबा 2 दिसम्बर। कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष धरना दे रहे भू-विस्थापितों ने खदान के अंदर उतर काम बंद करा दिया। प्रबंधन द्वारा एक माह के भीतर रोजगार की समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया था, पर मांग पूरी नहीं होने पर भू-विस्थापितों ने उग्र आंदोलन शुरू कर दिया है।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की कुसमुंडा के प्रभावित ग्रामीणों ने रोजगार की मांग लेकर एक माह पहले खदान बंद कराया था। इस पर प्रबंधन ने एक माह के भीतर समस्या निदान करने का आश्वासन दिया था, लेकिन प्रभावित ग्रामीण मांग पूरी होने तक महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष धरना में बैठ गए। एक माह बीतने के बाद भी समस्या का निदान नहीं होने पर बुधवार को खदान बंद करने का निर्णय आंदोलनकारियों ने लिया। सभी भूविस्थापित रोजगार एकता संघ, माकपा व किसान सभा की अगुवाई में खदान में उतर कर काम बंद कराया। इससे प्रथम पाली से कामकाज प्रभावित हो गया।

इस दौरान प्रमुख रूप से प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,जय कौशिक रोजगार एकता संघ के राधेश्याम, दामोदर, रेशम, बलराम, मोहन, दीनानाथ, पुरषोत्तम, अनिरुद्ध गणेश प्रभु, नरेश के साथ बड़ी संख्या में भू-विस्थापित उपस्थित है। यहाँ यह बताना लाजिमी हौगा कि मंगलवार को आंदोलन टालने के लिए एसईसीएल प्रबंधन के महाप्रबंधक संजय मिश्रा की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई थी। इस दौरान प्रबंधन ने भू-विस्थापितों ने ठेका प्रथा से कार्य देने का प्रस्ताव रखा। इस पर भू-विस्थापितों ने प्रस्ताव को इंकार करते हुए कहा कि रोजगार के बिना आंदोलन स्थगित नहीं होगा। वार्ता विफल होने पर भूविस्थापितों ने आंदोलन तेज करने की घोषणा कर दी।

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