अधिग्रहित की गई भूमि के एवज में 15 भू-विस्थापित कामगारों को किया गया नियमित

कोरबा 29 सितंबर। विद्युत कंपनी के संयंत्रों के राखड़ बांध के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के एवज में नौकरी कर रहे भू-विस्थापितों को प्रबंधन ने दस वर्ष के बाद नियमितीकरण किया। इसके लिए भू-विस्थापित लगातार कंपनी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक से पत्राचार करते रहे। हालांकि उन्हें दो वर्ष की परीवीक्षा अवधि में रहना पड़ेगा।

डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र, हसदेव ताप विद्युत संयंत्र व जांजगीर-चांपा जिला स्थित मड़वा ताप विद्युत संयंत्र के राखड़ बांध में गांव की जमीन अधिग्रहित की गई है। प्रबंधन ने प्रभावितों को नौकरी प्रदान की, पर नियमितीकरण को लेकर टालमटोल की नीति अपनाती रही। लगातार विरोध होने के बाद प्रबंधन ने कुछ भू-विस्थापित कामगारों को ही नियमितीकरण किया और शेष को छोड़ दिया। वर्ष 2011-12 में इन कामगारों को नियुक्ति पत्र दिया गया। नियमितः दो वर्ष परीवीक्षा अवधि में रखने के बाद नियमतः इन कर्मियों को नियमित कर दिया जाना था, पर भेदभाव की नीति की वजह से प्रबंधन ने आदेश जारी नहीं किया। विभिन्ना खामियां बता कर इन कर्मियों के नियमितीकरण पर रोक लगा दी। नियमितीकरण का इंतजार रहे भू-विस्थापितों ने आखिरकार अपने स्तर पर कंपनी चेयरमैन व प्रबंध निदेशक से प्रत्यक्ष मुलाकात, पत्राचार कर अपनी समस्या रखी। लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार प्रबंधन ने 15 भू-विस्थापित कामगारों को नियमित करने का आदेश जारी कर दिया। इसके बावजूद उन्हें दो वर्ष की परीवीक्षा अवधि में रखने कहा है। इस दौरान कार्य से संतुष्ठ होने पर उन्हें स्थाई नियमित किया जाएगा। हालांकि इस दौरान इन कर्मियों को नियमित कर्मियों की तरह सभी सुविधाएं व वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।

नियमित किए गए कर्मियों में मड़वा से अशोक कुमार पटेल, महेंद्र कुमार राठौर, डाकेश्वर सिंह चंद्रेश, एचटीपीएस से घनश्याम पटेल, संजय कुमार साहू, देवनारायण ठाकुर, मनोज कुमार तंवर, जयप्रकाश कंवर, मनोज कुमार साहू, डीएसपीएम से विजय कुमार डहरिया, चंपावती डहरिया, भगवती सिंह, केटीपीएस से कृष्णा डहरिया, शशिकांत तथा प्रमोद कुमार राठौर शामिल है। बताया जा रहा है दो अन्य कर्मियों के भी नियमितीकरण की प्रक्रिया विचाराधीन है।

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