राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम: पांच लाख 57 हजार से अधिक बच्चों को एल्बेंडाजॉल खिलाने का अभियान शुरू
- दो दिनों में लगभग 24 हजार से अधिक बच्चों-किशोरों को दवाई खिलाई गई
- कोरबा जिले में 20 सितम्बर तक खिलाई जाएंगी कृमि मुक्ति दवाई
- छुटे बच्चों के लिए 21 से 23 सितंबर तक मॉप-अप अभियान चलेगा
कोरबा 14 सितंबर 2021. राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम की शुरूआत कोरबा जिले में भी हो गई है। कल से शुरू हुए इस अभियान में जिले के एक से 19 वर्ष तक के बच्चों-किशोरों को कृमि मुक्ति के लिए एल्बेंडाजॉल दवाई का डोज दिया जा रहा है। अभियान के शुरूआती दो दिनों में लगभग 24 हजार से अधिक बच्चो-किशोरों को एल्बेंडाजॉल दवा खिला दी गई है। मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित मैदानी स्वास्थ्य अमला इस काम में लगा हैं। बच्चों और किशोरों को कृमि मुक्ति के लिए 20 सितंबर तक घर-घर जाकर, आंगनबाड़ियों, स्कूलों में एल्बेंडाजॉल दवा खिलाई जाएगी। इस दौरान जिले के एक से 19 वर्ष तक के पांच लाख 57 हजार 668 बच्चों और किशोर-किशोरियों को कृमि मुक्ति दवा की खुराक दी जाएगी। दवा खाने से छुट गए बच्चों को फिर से 21 से 23 सितम्बर 2021 के बीच मॉप दिवस पर एल्बेंडाजॉल दवाई खिलाई जायेगी।
एक्सपायरी तिथि जांच कर, नाश्ता-भोजन के बाद ही खिलाएं एल्बेंडाजॉल
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने स्वास्थ्य अमले को बच्चों को दवा खिलाने से पहले उसकी एक्सपायरी तिथि जांचने और पालकों से बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने किसी भी बच्चे को खाली पेट दवा नहीं खिलाने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने बच्चों को नाश्ता या भोजन करने के बाद ही कृमिनाशक दवा खिलाने को कहा है। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया है। जिन घरों में कोरोना के मरीज हों उन घरों के बच्चों को किसी भी स्थिति में कृमि नाशन दवाई ना खिलाई जाए। मरीज के ठीक होने के बाद स्थिति के सामान्य होने पर ही एल्बेंडाजॉल दवा का सेवन कराया जाए। श्रीमती साहू ने कृमि नाशक दवाई खिलाने से होने वाले फायदे और दवाई खाने के बाद होने वाले छोटे-मोटे साइड इफेक्ट की भी जानकारी पालकों को देने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
5 लाख 57 हजार से अधिक बच्चों-किशोरों को खिलाई जाएगी दवाई
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. कुमार पुष्पेश ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए पूरी सावधानी बरतते हुए मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को कृमिनाशक दवा खिलाएंगी। जिले में एक वर्ष से 19 वर्ष तक के पांच लाख 57 हजार 688 बच्चों व किशोर-किशोरियों को कृमिनाशक दवा दी जाएगी। डॉ. पुष्पेश ने बताया जिले के आंगनबाड़ियों के 99 हजार 519 बच्चों, आंगनबाड़ियों से बाहर के 21 हजार 560 बच्चों, शासकीय विद्यालयों के एक लाख 91 हजार 032 बच्चों, निजी स्कूलों के 75 हजार 697 बच्चों और शाला त्यागी एक लाख 69 हजार 881 किशोर-किशोरियों को कृमिनाशी एल्बेंडाजॉल दवाई की खुराक दी जाएगी। एल्बेंडाजोल की खुराक 1 से 2 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को आधी गोली तथा 3 से 19 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को एक पूरी गोली खिलायी जायेगी।
हो सकते हैं ऐसे सामान्य साइड इफेक्ट, प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने प्रशासन की तैयारी
वैसे तो कृमिनाशी दवा एल्बेंडाजॉल बच्चों और बड़ों दोनों क लिए सुरक्षित है, परंतु बच्चों के शरीर में कृमि होने के कारण दवा खिलाने के बाद सामान्य साइड इफेक्ट जैसे जी मचलाना, उल्टी-दस्त, पेट में हल्का दर्द या थकान होने की संभावना हो सकती है। डॉक्टरों ने बताया कि ऐसे सामान्य साइड इफेक्ट पर घबराने की जरूरत नहीं है, बच्चों को घर पर ही संभाला जा सकता है। दवा खिलाने के बाद यदि बच्चे को ऐसे मामूली साइड इफेक्ट हों तो उसे खुली जगह पर लेटाएं, पीने का साफ पानी दें और उसकी निगरानी करें । इसके साथ ही इसकी सूचना मितानिनों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के दें ताकि प्रभाव बढ़ने पर बच्चे का ईलाज अस्पताल में कराया जा सके। जिला प्रशासन द्वारा कृमिनाशी कार्यक्रम के दौरान सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने की तैयारियां सुनिश्चित की गई है। ओआरएस के पैकेट, डोमपेरीडॉन टेबलेट, डाइसाइक्लोमीन टेबलेट और सीरप, पैरासीटामॉल टेबलेट और सीरप सहित सीट्राजिन की गोलियों की व्यवस्था भी पर्याप्त मात्रा में की गई है।