छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की कलम बंद- काम बंद हड़ताल कल 3 सितम्बर को

रायपुर 2 सितम्बर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन शुक्रवार 3 सितम्बर 2021 को अपनी 14 सूत्रीय मांग को लेकर कलम बंद- काम बंद हड़ताल पर रहेगा।

संस्था की ओर से बताया गया है कि इन 14 सूत्रीय मांगों में से कुछ मांगें कांग्रेस पार्टी के जन घोषणा पत्र में भी शामिल हैं, लेकिन उन्हें भी पूरा नहीं किया गया है। फेडरेशन ने कहा है कि संस्था की मांगें पूरी नहीं होती तो बेमुद्दत हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में 3 सितंबर को सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। प्रदेश भर के कर्मचारी कलम बंद मशाल उठा आंदोलन करेंगे। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने यह ऐलान किया है।कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन की मांग है कि केंद्र के समान राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों को भी महंगाई भत्ता दिया जाए। महंगाई भत्ता समेत अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष और अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रवक्ता विजय झा ने बताया कि शासकीय सेवकों के लंबित मांगों से संबंधी 14 सूत्रीय मांग है। मुख्य सचिव को पत्र सौंपा गया था। प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद निर्णय लिया गया है कि 3 सितंबर को प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय बंद रखा जाएगा। अपनी मांगों को लेकर मशाल उठाकर हड़ताल किया जाएगा।

संस्था के अनुसार केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 17 से 28 प्रतिशत हो गया है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय सेवकों और पेंशनरों को 1 जनवरी 2019 से मात्र 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। राज्य के कर्मचारी केन्द्रीय कर्मचारियों से 16 प्रतिशत पीछे हो गए है। इस कारण प्रतिमाह के वेतन में 4-5 हजार रुपए आर्थिक क्षति हो रही है।

विभागीय पदोन्नति- समयमान वेतनमान स्वीकृति, अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण, पुराना पेंशन योजना बहाली, आकस्मिक-कार्यभारित चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों का नियमितीकरण, पटवारियों की पदोन्नति और कार्यालयीन उपयोग के लिए लैपटॉप देने. छग राज्य में पेंशन प्रोसेसिंग सेल की स्थापना और अन्य मांगों के समर्थन में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन चार चरणों में आंदोलन कर चुका है, लेकिन शासन द्वारा शासकीय सेवक कल्याण के महत्वपूर्ण विषयों के समाधान के लिए सकारात्मक नीति नहीं बनाई गई। 8 अगस्त को भी रायपुर में वादा निभाओ प्रदर्शन किया गया। संस्था की 14 सूत्रीय मांग इस प्रकार हैं-

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