साहित्य हिन्दी कराहते समय में संवेदना की रेत पर बिखर रहा है प्रेम …. उषारानी राव Gendlal Shukla July 17, 2020 जैसे थामती है हवासफेद बादलों कीकतार में..नीले सागर केगर्भ में ..पतझड़ के पत्तों केमर्मर में ..चेतन के अचेतन में ..थामते हैं तुम्हारे हाथमुझेजैसे थामती हैहवा फूलों को !तुम्हाराआलोकमय स्पर्शजीवित रखते हैंमुझेअनंत तक!दिखते हो तुमआँखें बंद करने पर …दिखते हो तुम ..केवलतुम !मेरी हर स्पंदन से जुड़ कर …ले ..चलते होमुझे ..मुक्त सीमांत तकजहाँ प्रणय प्रकाशित है !चलने का विभोर आनंदसारी विषमताओं कीदीवार फाँदकर …अज्ञात के भीतर खींचकरले जाता है ..अजस्त्र स्रोत है वहाँमेरी कविताओं के शब्दों काअर्थों का ,भावों का !एक उजला सपना ..एक अकाल में दरकीमिट्टी ..एक बाढ़ में उजड़ीफसल ..एक विद्रोही का स्वर ..एक निर्दोष की मौत ..पहाड़ से लेकर बिंदूतक …रखते हैं आच्छन्न मुझे !तुम जिसे अभेद कहते होवही मेरा जीवंत निःश्वास हैजीवन के बोध के लिए ..मृत्यु का बोध ..और..मृत्यु के बोध के लिएनिविड़ ..अंतरंगता के साथ प्रेम!निर्बाध प्रेमभादों की नदी-सी बहती ..हृदय कीप्यास है प्रेम .भावना का उफानमात्र नहीं!अनुभूति की सच्चाई से भरी…पानी मेंनमक के एकाकार -सा …स्वाति के बूंदों कीबेकली से प्रतीक्षाचातक काहठ है प्रेम !विरह के बिना उपजतानहीं यहसभी विकारों कोभस्म कर देने में सक्षमआग केसमान है प्रेम !कराहते समय मेंसंवेदना की रेत पर बिखर रहा हैप्रेम …. Spread the word Post Navigation Previous महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा में सूचना का अधिकार अधिनियम बना मजाक, विभाग के भ्रष्टाचार की भी की है कलेक्टर से शिकायतNext कोरोना से कर्मचारी की मौत, मचा हड़कंप, मंत्रालय इंद्रावती भवन को सेनेटाइज करने की मांग, Related Articles Stories समीक्षा साहित्य कठघरे में साँसे : समीक्षा @ डॉ. सुधीर सक्सेना Gendlal Shukla January 11, 2025 कोरबा छत्तीसगढ़ दिवस विशेष प्रेरणा भाषा हिन्दी हिंदी भाषा का महत्व न केवल भारत तक सीमित, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना रही है Gendlal Shukla January 10, 2025 आयोजन छत्तीसगढ़ प्रेरणा बिलासपुर संस्कृति साहित्य नववर्ष पर संकेत साहित्य समिति का सरस आयोजन Gendlal Shukla January 8, 2025