DMF शासी परिषद के प्रमुख जिला कलेक्टर ही होंगे, राज्य सरकार को केन्द्र का झटका
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रायपुर 19 अगस्त। जिला खनिज न्यास पर नियंत्रण के मामले में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को झटका दे दिया है। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर DMF शासी परिषद के प्रमुख पद से प्रभारी मंत्रियों को हटाने को कहा है। इस पत्र के मुताबिक शासी परिषद के प्रमुख पद पर जिला कलेक्टर को ही तैनात किया जाना है।
छत्तीसगढ़ में जिला खनिज न्यास के प्रशासन को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के बीच कई महीनों से खींचतान चल रही है। केंद्र सरकार ने 23 अप्रैल 2021 को एक दिशानिर्देश जारी कर कहा था, DMF शासी परिषद का अध्यक्ष कलेक्टर को ही रहना है। खनन प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों को इसमें सदस्य के तौर पर शामिल किया जा सकता है। जून में राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र भेजकर आग्रह किया था, इस पद पर प्रभारी मंत्रियों को ही बने रहने दिया जाए। इस संबंध में सरकार की ओर से कई पत्राचार हुए। अब केंद्र सरकार की ओर से मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आग्रह किया है, वे DMF के संबंध में 23 अप्रैल को जारी आदेश के क्रियान्वयन का निर्देश जारी करें।
दो साल पहले प्रभारी मंत्री बनाए गए थे प्रमुख
जिला खनिज न्यास (DMF) में बदलाव करते हुए राज्य सरकार ने दो साल पहले अधिसूचना जारी की थी। इसमें प्रभारी मंत्री को पदेन अध्यक्ष व कलेक्टर को पदेन सदस्य सचिव बनाया गया था। साथ ही पजिले के सभी विधायकों को पदेन सदस्य बनाया गया। कहा गया, नई व्यवस्था से सभी विधायकों को अपने क्षेत्रों में विकास कार्य कराने के लिए मौका मिलेगा।
2015 में बना था DMF
जिला खनिज न्यास (DMF) का गठन साल 2015 में हुआ था। उस समय कलेक्टर को पदेन अध्यक्ष बनाया गया था। साथ ही खनन प्रभावित क्षेत्र के सांसदों और विधायकों को सदस्य मनोनीत करने की व्यवस्था थी। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस इस व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा और खनन क्षेत्र की राशि का दुरुपयोग का आरोप लगाती थी। सरकार बदलने के बाद DMF में मंत्रियों-विधायकों को जगह दी गई। अब भाजपा इसमें भ्रष्टाचार और मनमानेपन का आरोप लगाती है।