रोजगार और सुविधाओं की अनदेखी, नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर बंद किया रानीअटारी का गेट
कोरबा 2 अगस्त। एसईसीएल से जुड़ी समस्याएं समय पर निराकृत नहीं हो पा रही है। इसके चलते परियोजना प्रभावितों सहित आसपास के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे ही लोगों ने आज सुबह कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल की रानीअटारी अंडरग्राउंड माइंस का मेनगेट बंद कर दिया। इसके चलते दिक्कतें खड़ी हो गई। सूचना मिलने पर प्रबंधन और प्रशासन की टीम यहां पहुंची। प्रदर्शनकर्ताओं को समझाईश देने का काम जारी है।
जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर एसईसीएल की रानअटारी खदान राजस्व जिला कोरबा और चिरमिरी वेस्ट क्षेत्र में संचालित है। खदान को प्रारंभ करने के लिए आसपास की जमीन ली गई है। इससे कई लोगों की जमीन अर्जित की गई। संबंधितों में से कुछ को रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है जबकि अनेक मामले लंबित है। नियमित और दूसरी प्रकृति के रोजगार देने के वादे प्रबंधन ने किये थे लेकिन अभी भी सबकुछ बेनतीजा है। कई अवसरों पर प्रबंधन को इस बारे में अल्टीमेटम दिया गया लेकिन हुआ कुछ नहीं। इससे नाराज ग्रामीणों ने एकता परिषद के साथ मिलकर यहां प्रदर्शन किया। इसके साथ रानीअटारी परियोजना के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला जड़ दिया। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों से किचकिच हुई।
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि परियोजना क्षेत्र के अंतगर्गत रिहायशी इलाकों की सड़क जर्जर हो गई है। इसे ठीक करने में दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। स्वास्थ्य शिविर लगाने की बात प्रबंधन ने कही थी जिस पर अमल नहीं किया जा रहा है। यहां पर कई काम ठेका के आधार पर किये जा रहे हैं जिसमें मजदूरों को सही मजदूरी नहीं मिल पा रही है। हाथियों का उत्पात भी इस इलाके में हो रहा है इसलिए जरूरत जताई जा रही है कि यहां सौरऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था कराई जाए। आरोप है कि इन मामलों की जानकारी अधिकारियों को पहले से है लेकिन वे अनावश्यक ध्यान देने से बच रहे हैं। इसी को लेकर यहां प्रदर्शन किया गया। स्थिति बिगड़ने पर रानीअटारी के खदान प्रबंधक और कोरबा जिले से प्रशासन के एक अधिकारी ने मौके पर पहुंच जानकारी हासिल की। खबर लिखे जाने तक यहां पर वार्ता चल रही थी। इस दौरान प्रदर्शनकर्ता मांगों को तुरंत पूरी करने की बात पर अड़े रहे। प्रबंधन ने नीतिगत रूप से इस मामले में कार्यवाही करने को कहा। प्रदर्शन में निर्मला कुजूर, प्रशांत झा के अलावा आसपास के लोग मौजूद रहे।