पसान क्षेत्र में दंतैल ने मचाया उत्पात, चार ग्रामीणों के मकान को किया क्षतिग्रस्त
हाथियों से घिरे बच्चों को बचाने के लिए वन विभाग को करना पड़ा रेस्क्यू
कोरबा 20 जुलाई। जिले के कटघोरा वनमंडल अंतर्गत पसान रेंज में मौजूद तीन दंतैल हाथी सोमवार की रात एकाएक बौरा गए और ग्राम पंचायत पसान के आश्रित ग्राम बोकरामुड़ी व अड़सरा में भारी उत्पात मचाया। इस दौरान दंतैल हाथियों ने 4 ग्रामीणों के मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिए। इतना ही नहीं वहां रखे चावल, धान व अन्य अनाज को खाने के साथ ही घरेलू सामानों को तहस-नहस कर दिया जिससे संबंधितों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
हाथियों का उत्पात शाम ढलते ही शुरू हुआ और पूरे रात भर चला। इस दौरान गांव की गलियां हाथियों की धमाचौकड़ी व चिंघाड़ से गूंजती रही। हाथियों ने कई ग्रामीणों के बाड़ी में प्रवेश कर वहां लगे केला, गन्ना तथा धान के थरहे को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। हाथियों के उत्पात से ग्रामीण सहमे रहे। वन अमले ने सीमित संसाधनों के सहारे हाथियों पर काबू पाने तथा उसे खदेडऩे की कोशिश की लेकिन उन्हें जल्द सफलता नहीं मिल पाई। इसी बीच हाथियों के गांव में घुसने की जानकार मिलने पर टीआई परमेश्वर देवांगन के नेतृत्व में पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंच गए। बाद में ग्रामीणों, वन विभाग तथा पुलिस ने संयुक्त प्रयास कर हाथियों को खदेड़ने की कार्यवाही की। ग्रामीणों द्वारा हो-हल्ला किये जाने व पटाखे फोड़ने तथा बाजा बजाने पर सुबह 4.30 बजे के लगभग हाथियों ने जंगल का रूख किया तब ग्रामीणों, पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने राहत की सांस ली। हाथियों के उत्पात से जहां घासीराम पिता अमृतलाल, मोतीलाल पिता रामसिया, फुटनिया पिता जवाहर लाल एवं प्रभात पिता बोधराम के मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं वहीं कोई जान-माल का नुकसान नहीं हो पाया। जानकारी के अनुसार हाथियों के क्षेत्र में पहुंचने की भनक वन विभाग को शाम 4 बजे ही लग गई थी। जानकारी मिलते ही वन अमला गांव में पहुंच गया था तथा मुनादी कराने के साथ ही सुनसान वाले इलाके में रह रहे लोगों को सामुदायिक भवन में पहुंचा दिया था। वन अमले की सक्रियता से जन हानि नहीं हो सकी।
सूचनाओं के मुताबिक जिस समय दंतैल हाथियों ने घासीराम नामक ग्रामीण के मकान को निशाना बनाते हुए दरवाजे को तोड़ा, घासीराम व उसकी पत्नी भागकर अपनी जान बचाई लेकिन उनके दो बच्चे घर पर ही रह गए थे। इन बच्चों ने साहस का परिचय देते हुए पहले तो अपने आपको हाथियों से दूर किया तत्पश्चात् घर के दूसरी ओर स्थित कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया और वहां अपने आपको छिपाये रखा। बाद में जब इसकी जानकारी वन अमले को हुई तो वन अमले ने मौके पर पहुंचकर कमरे में बंद दोनों बच्चों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला और सामुदायिक भवन ले जाकर सुरक्षित ठहराया। जिस समय बच्चों को बाहर निकालने के लिए वन अमले ने रेस्क्यू किया उस समय उत्पाती हाथी बमुश्किल 10 मीटर की दूरी पर थे और उत्पात मचा रहे थे। लेकिन वन अमले ने अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी और रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला। इसकी यहां ग्रामीणों द्वारा काफी तारीफ की जा रही है।
उधर पसान रेंज के ही जल्के सर्किल के बनिया गांव में 21 हाथी विचरण कर रहे हैं। इन हाथियों ने भी भारी उत्पात मचाया है और कई किसानों के फसल को क्षतिग्रस्त कर दिया है। इस बीच कोरबा वनमंडल के करतला रेंज में विचरणरत दंतैल हाथी तुर्रीकटरा जंगल पहुंच गए हैं। यहां पहुंचने से पहले दंतैल ने एक किसान के खेत में प्रवेश कर वहां लगे धान के थरहे को क्षतिग्रस्त कर दिया।