टाँगरगांव में प्रस्तावित स्टील प्लांट के भविष्य का फैसला जनता करेगी: युवराज यश प्रताप सिंह जूदेव
जशपुरनगर 18 जुलाई। कांसाबेल तहसील के टाँगरगांव में प्रस्तावित स्टील प्लांट के भविष्य का फैसला, सरकार और उद्योगपति नहीं, तांगरगांव और इसके आसपास के गांव की जनता करेगी।
जशपुर राजपरिवार के युवराज यश प्रताप सिंह जूदेव ने कही। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिले की जल, जंगल और जमीन की रक्षा करना हम सब का दायित्व है। यश प्रताप ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, हमेशा जनता के साथ खड़ी है। टाँगरगांव मामले में भी यहाँ के स्थानीय लोगो के भावना के अनुरूप ही निर्णय होगा।
जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय द्वारा गठित 9 सदस्यी टीम में युवराज यश प्रताप सिंह जूदेव भी शामिल है। टीम की अध्यक्ष सांसद श्रीमती गोमती साय के साथ शनिवार को युवराज भी टाँगरगांव इलाके का दौरे में पहुँचे थे। इस दौरान स्थानीय लोगों से प्रस्तावित स्टील प्लांट के सम्बंध में राय शुमारी की। युवराज ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान ग्रामीणों ने खुल कर टीम से चर्चा की। उन्होंने बताया कि टीम अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय को प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट पर जिला भाजपा कार्यालय में 25 जुलाई को आयोजित बैठक में विचार करेगी और जनभावना के अनुरूप निर्णय करेगी।
टांगरगांव में लगने वाले उद्योग के मुद्दे पर भाजपा नेता युवराज यश प्रताप सिंह जूदेव ने कहा है कि उद्योग की स्थापना या विरोध का अधिकार स्थानीय रहनवासियों का है जिनसे राय मशवरा करने के बाद विरोध का स्वर तेज मिला है। यहां के रहवासियों द्वारा उद्योग नहीं लगने देने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों के इस प्रयास को जाया न जाने दिया जायेगा। इसके लिए अगर दिल्ली तक जाना पड़े तो वह दिल्ली में भी ध्यानाकर्षण हेतु खुद जाने को तैयार हैं।
उक्त बातें कहते हुवे यश प्रताप सिंह जूदेव ने बताया कि जिले में उद्योग के आने से रोजगार के अवसर खुलेंगे लेकिन इसके साथ ही पर्यावरण प्रदूषित होगा जिसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ेगा। पर्यावरण प्रदूषण सहित स्वास्थ संबंधी मामले के कारण लोगों के द्वारा विरोध किया जा रहा है, जिसका वे भी समर्थन करते हैं।भाजपा द्वारा गठित 09 सदस्यीय टीम में वे भी शामिल थे, जिनके द्वारा मौके पर पहुंच कर स्थानीय लोगों से चर्चा की गई जिसमें लोगों ने उद्योग न लगने देने की बातों को प्रमुखता से रखा है। इसके बाद अब यहां उद्योग को किसी भी कीमत में स्थापित होने नहीं दिया जायेगा। युवराज ने कहा कि उक्त उद्योग के स्थापना को रोकने यदि उन्हें दिल्ली दरबार पहुंच प्रधानमंत्री सहित गृह मंत्री, उद्योग व पर्यावरण मंत्री से भी गुहार लगाना पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे।