कोयला दलालों में आपसी कलह शुरूः ट्रेलर ने रोका रास्ता, इंचार्ज को फोटो भेजने पर कर्मी के खिलाफ खोला मोर्चा


कोरबा 15 जुलाई। साउथ ईस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड के दीपका क्षेत्र की एक खदान में कोयला दलालों में प्रतिस्पर्धा के साथ आपसी कलह तेज होती जा रही है। इसके चक्कर में दूसरों को निपटाने का काम शुरू हो गया है। एक दिन पहले कथित रूप से लिफ्टर पर किये गए हमले की पटकथा ने अब नाटकीय मोड़ ले लिया है। इसमें पता चला कि खदान के रास्ते पर कर्मचारी के वाहन का रास्ता एक ट्रेलर ने रोका। इंचार्ज को बताने और मौके की फोटो भेजने के बाद कर्मचारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया।

कोयलांचल दीपका में हुई घटना को लेकर शुरूआती तौर पर इस तरह की खबरें वायरल हुई थी कि एसईसीएल के कर्मचारी ने कोयला दलाल पर हमला कर दिया। दीपका पुलिस ने बताया कि यह अफवाह से अधिक और कुछ नहीं था। इसी मामले में जिस डंफर आपरेटर धनेश गुरूद्वान के विरूद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गई है, उसने सभी दावों को बोगस और आधारहीन करार दिया है। कहा गया कि उसके विरूद्ध जो एफआईआर की गई है उसे तत्काल प्रभाव से खारिज करने को पत्र दिया गया है। खनन उपमहाप्रबंधक को इस संबंध में पत्र देने के साथ उसे फंसाने वाले पर कार्रवाई करने को कहा गया है। संबंधित पत्र में घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी दी गई है। ताकि अधिकारी भलीभांति छानबीन कर सके।

ओआईटीडीएस सिस्टम में प्रमाण मौजूद -डंफर आपरेटर धनेश गुरूद्वान की बुधवार को नाईट शिफ्ट थी। रात 12.30 बजे वह डंपर क्रमांक 165 को खाली करने जा रहा था। रास्ते में ट्रेलर संख्या सीजी 12 एआर 9783 ने उसका रास्ता रोका। इंचार्ज को फोन पर इसकी जानकारी दी गई। उन्होंने फोटो खींचकर भेजने को कहा। इस दौरान कोयला लिफ्टर कुणाल सिंह ने विरोध के साथ गाली-गलौच की। धनेश यहां से चला गया और 3.30 बजे वापस लौट कर 5.30 बजे तक निरंतर काम किया। इस दौरान किसी से मुलाकात नहीं कि तो मारपीट का सवाल पैदा नहीं होता। कहा गया कि कंपनी के ओआईटीडीएस सिस्टम में इसका सबूत देखा जा सकता है।

फर्जी शिकायत करने वाले पर कार्रवाई संभव-कोयलांचल दीपका में जो कुछ हुआ है, उसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं और सबक भी दिए है। पुलिस का कहना है कि घटनाक्रम को लेकर जिस तरह से भ्रम का वातावरण बनाए और इसका विस्तार हुआ। वह समझ से परे है। अब जबकि एसईसीएल कर्मचारी के द्वारा अनेक तथ्यों को स्पष्ट किया गया है, उससे अलग ही स्थिति स्पष्ट हो रही है। ऐसे में संभव है कि फर्जी एफआईआर दर्ज कराने वाले पर पुलिस का शिकंजा कस सकता है। मामले में कई चौकाने वाली जानकारी सामने आयी है। इससे पुलिस को अवगत कराया गया है। बताया गया कि सहकर्मी राठौर ने लिफ्टर को साथी से मारपीट करते हुए सुबह 4.30 बजे देखा था। इस दौरान ही उसे चोट आयी। फोटो में वास्तविकता शामिल होने के लिए बदला लेने के लिए दूसरों को निशाने पर लिया जा रहा है। बताया गया कि वीरेन्द्र राठौर से फोन पर बातचीत के दौरान धनेश को फंसाने की चर्चा हुई है। इसकी रिकार्डिंग भी पुलिस को दे दी गई है।

कोयलांचल दीपका में जो कुछ हुआ है, उसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं और सबक भी दिए है। पुलिस का कहना है कि घटनाक्रम को लेकर जिस तरह से भ्रम का वातावरण बना, और इसका विस्तार हुआ। वह समझ से परे है। अब जबकि एसईसीएल कर्मचारी के द्वारा अनेक तथ्यों को स्पष्ट किया गया है, उससे अलग ही स्थिति स्पष्ट हो रही है। ऐसे में संभव है कि फर्जी एफआईआर दर्ज कराने वाले पर पुलिस का शिकंजा कस सकता है।

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