रेतमाफियाओं की बढ़ी सक्रियता, बंद घाटों से कर रहे गीली रेत की ढुलाई

कोरबा 15 जुलाई। बारिश शुरू होने के बाद रेत की मनामाना कीमत 3000 ट्रैक्टर मिलने से रेतमाफियाओं की सक्रियता बढ़ गई है। शहर से लगे हसदेव नदी के अघोषित घाटों में गीले रेत का उत्खनन हो रहा है। खनिज विभाग की ओर महज प्रकरण दर्ज करने की औपचारिकता की जा रही है। वित्तीय वर्ष शुरू होने के तीन माह के भीतर खनिज के अवैध परिवहन उत्खनन के 58 मामले दर्ज किए जा चुके हैं जो बीते वर्ष की तुलना में छह अधिक हैं।

दिन में नदी से रेत निकाल कर कोरबा चांपा मार्ग किनारे डंप कर दिया जाता है, जिसे बिक्री के लिए रात में परिवहन किया जा रहा है। नदी किनारे मिट्टी कटाव से बारिश के दौरान सड़क में पानी भरने की आशंका बढ़ गई है। बारिश में रेत की आवश्यकता और बढ़ी कीमत में मांग को देखते हुए अवैध भंडारण और आपूर्ति का काम तेजी से चल रहा है। बारिश जारी होने के कारण खनिज ने 15 जून से रेत की खुदाई और परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद भी घाटों से गीली रेत निकालने का क्रम जारी है। रेत को निकाल सड़कों में डंप कर दिया है। यह क्रम पूरे दिन जारी रहता है। इस दौरान पांच से सात ट्रैक्टर रेत को डंप किया जाता है। रात के समय नदी में जाकर रेत निकालने में असुविधा होती है, जबकि सड़क किनारे डंप किए रेत को परिवहन करने में आसानी होती है। खनिज विभाग में एक मात्र फिल्ड इंस्पेक्टर नियुक्त हैं। जिनके दम पर नियंत्रण असंभव है। शहर के घाटों का संचालन निगम कर किया जा रहा है। बेतरतीब तरीके से अघोषित घाटों से मिट्टी का कटाव होने से जल प्रवाह का विस्तार बढ़ने लगा है। इसका पता तब चलता है जब बारिश होती है। मानिकपुर खदान के निकट से लेकर कोरबा चांपा मार्ग में कई जगह रेत उत्खनन के लिए घाटों की शुरूवात कर दी गई है। रेत की चोरी अब शहर ही नहीं बल्कि गांवों से लगे नदी तटों में विकट रूप ले चुका है। निर्माण कार्य से लगे ठेकेदारों के अलावा फ्लाइएश कारोबार से जुड़े लोगों के लिए भी आवश्यकता होने से अवैध भंडारण और परिवहन को प्रश्रय मिल रहा है।

बारिश के समय गौण खनिज की चोरी में इजाफा नई बात नही है। प्रकरण में और भी बढ़त हो सकती है। टास्क फोर्स समिति की ओर से सहयोग नहीं किए जाने कारण रेत के अवैध परिवहन का कारोबार फल फूल रहा है। टास्क फोर्स में खनिज के अलावा वन और पुलिस विभाग को भी शामिल किया गया है। ज्यादातर खनिज का अवैध परिवहन वन मार्गों से होती है जिसमें विभागी अधिकारियों की ओर से कार्रवाई नहीं की जाती। पुलिस विभाग की ओर एक दो वाहन को पकड़ भी लिया जाता है तो मामला खनिज विभाग तक नहीं पहुंच पाता।

रेत की चोरी शहरी के अलावा गामीण और उपनगरीय क्षेत्रों में ही किया जा रहा। अब तक खनिज विभाग की ओर दर्ज 68 प्रकरण में 46 केवल शहरी क्षेत्र के ही हैं। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि फिल्ड अधिकारियों की कार्रवाई केवल सीमित क्षेत्र में ही है। शहरी क्षेत्र के अघोषित घाट तक पहुंचना जितना कठिन हैं उससे अधिक सरल गांव के नदी तट के घाट हैं। सहूलियत से रेती मिलने के कारण हाइवा से भी रेत की आपूर्ति हो रही है। बीते माह धनगांव मार्ग से रेत से सप्लाई करते हुए दो हाइवा जब्त किए गए थे।

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