छतीसगढ़ में ढाई ढाई साल में मुख्यमंत्री बनने के फार्मूले पर विराम, बघेल ने कहा मुख्यमंत्री मैं ही रहूंगा

नईदिल्ली 11 जुलाई। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल में मुख्यमंत्री बनने के फॉर्मूले की चर्चा भूपेश बघेल के सीएम बनने के बाद ही शुरू हो गई थीं. कयास लगाए जा रहे थे कि टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच पार्टी आलाकमान ने ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला तय किया था. हालांकि, इस मसले पर टीएस सिंहदेव, भूपेश बघेल और कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से किसी तरह का औपचारिक बयान अब तक नहीं आया है.लेकिन पिछले ढाई साल में कई बार यह मुद्दा मीडिया में उझला गया कि प्रथम चरण के ढाई साल पूरे होते ही द्वितीय चरण में ढाई साल के लिए टी.एस.सिहदेब मुख्यमंत्री बनेंगे.किन्तु ऐसा कुछ कारनामा हुआ नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले से ज्यादा मजबूत नजर आने लगे और कांग्रेस हाईकमान ने भी उन पर पूरा भरोसा किया हैं. दरअसल मिडिया में सिंहदेव के कुछ बयान को लेकर मुख्यमंत्री बदलने का मामला उछलता रहा और यह भी कहा जाने लगा कि बघेल व सिंहदेव के मध्य छतीस का आंकड़ा हैं.अपनी साफ सुथरी छबि के कारण सिंहदेव की प्रदेश में एक अलग पहचान हैं तो बघेल छतीसगड़िया मुख्यमंत्री के रूप में यहां के मूल निवासियों के दिलोदिमाग में रसेबसे हैं. अजित जोगी के बाद बघेल छतीसगढ़ के ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं जो ग्रामीण अंचल में काफी लोकप्रिय हैं.

बता दे कि छत्तीसगढ़ में ढाई साल में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों को सीएम भूपेश बघेल ने खारिज कर दिया. बघेल ने कहा कि ये सारी बातें महज अटकलें हैं. दिल्ली दौरे पर आए भूपेश बघेल ने कहा, कुछ मीडिया के साथी हैं, जो इसको हवा देते रहे हैं. हाईकमान का निर्देश हुआ कि आपको शपथ लेनी है तो हमने शपथ ले ली. जिस दिन वह कहेंगे कि आपको नहीं रहना, किसी दूसरे को बनना है तो उस दिन दूसरा बन जाएगा.’
मुख्यमंत्री ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि आलाकमान ने मुझे जिम्मेदारी दी है. बनाने और हटाने का काम पार्टी आला कमान करता है. खुद जो मुख्यमंत्री हैं वह नहीं करते. जहां गठबंधन की सरकारें होती हैं वहां ऐसी बातें होती हैं. यहां तो 3 चौथाई से अधिक का बहुमत है. बताया जा रहा हैं कि बघेल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचे थे. हालांकि उनकी मुलाकात सोनिया गांधी से नहीं हो सकी. उनकी जगह महासचिव प्रियंका गांधी उनसे मिलीं.

गौरतलब है कि राज्य में सियासी घमासान मचा हुआ है. पिछले महीने ही छत्तीसगढ़ के स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपनी ही सरकार की नीतियों का विरोध किया है. टीएस सिंहदेव ने ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अनुदान पर निजी अस्पताल खोलने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजना का विरोध किया था. उन्होंने बयान दिया था कि जिस समय सरकार को पब्लिक सेक्टर को मजबूत करना चाहिए, उस समय पैसों की कमी के बावजूद सरकार निजी अस्पतालों को अनुदान क्यों दे रही है. और सरकारी अनुदान मिलने के बावजूद कोई निजी अस्पताल मुफ्त में ग्रामीणों का इलाज नहीं करेगा. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 जून को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों मेंhttps://chat.whatsapp.com/KdCWfd3YwvO8Js8YOtRXp4 स्वास्थ सुविधा बेहतर करने के नामपर निजी अस्पताल खोलने पर अनुदान देने की घोषणा की थी, जिस संबंध में टीएस ने यह बयान दिया था और इसपर अब विपक्ष आक्रामक है.और मीडिया का एक वर्ग भी इसे हवा दे रहा हैं.किन्तु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान के बाद यह तो साफतौर पर स्पस्ट हो गया हैं ढाई ढाई साल का फार्मूला हवाबाजी के कुछ नहीं हैं.कांग्रेस हाईकमान ने जिस भरोसे के साथ उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था बघेल उस पर पूरी तरह से अब तक खरे उतरे हैं इसलिए यह कहा जा सकता हैं कि बघेल अपना कार्यकाल पूरा करेंगे.

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