हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में 718 प्रकरणों पर हुआ समझौता

कोरबा 11 जुलाई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा जिला एवं तहसील स्तर पर दिनांक 10 जुलाई 2021 को सभी मामलों से संबंधित हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। श्री बी. पी. वर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के आतिथ्य में एवं विशिष्ठ अतिथि श्री गणेश कुलदीप, अध्यक्ष, जिला अधिवक्ता संघ कोरबा, श्री बी. के शुक्ला सदस्य छ0ग राज्य विधिज्ञ परिषद बिलासपुर, श्री बी. राम, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, विशेष न्यायाधीश (एस.सी./एस.टी. एक्ट श्री राजीव कुमार, अपर सत्र न्यायाधीश कु. संघपुष्पा भृतलहरी, अति. मुख्य न्यायिक मजि. श्री आर. एन. पठारे, न्यायिक मजि. प्रथम श्रेणी कोरबा श्री गितेश कुमार कौशिक, श्रीमती शीलू केशरी, श्रीमती अंजली सिंह, श्रीमति सीमा प्रताप चंद्रा एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा दीप प्रज्जवलन कार्यक्रम में उपस्थित थी। नालसा थीम सांग न्याय सबके लिये के साथ हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। नालसा थीम सांग न्याय सबके लिये के साथ नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। जिसमें न्यायलय में कुल 1462 प्रकरण रखे गये थे जिसमें कुल 718 प्रकरणों का निराकरण समझौते के आधार पर किया गया। कुल 16 मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों में राशि 70,88,000/- सत्तर लाख अठियासी हजार रूपये मात्र का मुआवजा राशि अवार्ड पारित किया गया।

मृतक के परिवार का सहारा बना हाईब्रीड नेशनल लोक अदालतः-सड़क दुर्घटना मामलें में दुर्घटना दिनांक 14.06.2018 को वाहन क्रमांक सी.जी. 12 ए.एन. 2486 के चालक रामदास द्वारा तेज एवं लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने से चंद्रशेखर सिदार की मृत्यु हो गयी थी। आवेदिका गोदावरी सिदार पति स्व. चंद्रशेखर सिदार ने मोटर दुघर्टना दावा अधिनियम के अंतर्गत अपने अधिवक्ता के माध्यम से मान. न्यायालय श्री बी. पी. वर्मा जिला एवं सत्रा न्यायाधीश कोरबा के समक्ष दावा प्रस्तुत किया गया। मृतक चंद्रशेखर सिदार के दो नाबालिक बच्चे एवं उनकी वृद्ध माता उनपर ही आश्रित थी। मृतक चंद्रशेखर की मुत्यु पश्चात् अब मृतक की पत्नी श्रीमति गोदावरी सिदार पर ही परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी है ऐसे में नेशनल लोक अदालत ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए उक्त प्रकरण ळवकंूंतप ैपकंत ंदक वजीमते टे त्ंउकें ंदक वजीमते में बीमा कंपनी न्यू इंडिया इंश्योरेन्स लिमिटेड कोरबा से राजीनामा कर प्रकरण निराकृत कर राशि 15,00,000/- पंद्रह लाख रूपये मात्र की क्षतिपूर्ति प्राप्त की गई जो की एक पीडित परिवार के लिए सहयोग की शुरूआत होगी।

उषा राठिया एवं अन्य बनाम मनोज तुरिया एवं अन्यः-ऐसे ही सड़क दुर्घटना के एक और मामले में दुर्घटना दिनांक 25.05.2020 को वाहन क्रमांक सी.जी. 12 ए.डब्लू. 2934 के चालक मनोज तुरीया द्वारा तेज एवं लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने से आवेदिका उषा राठिया एवं उनका पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गए तथा आवेदिका एक पैर से विकलांग हो गई। आवेदिका उषा राठिया पति स्व0 चंद्र जीत राठिया ने मोटर दुघर्टना दावा अधिनियम के अंतर्गत अपने अधिवक्ता के माध्यम से मान. न्यायालय श्री बी. पी. वर्मा जिला एवं सत्रा न्यायाधीश कोरबा के समक्ष दावा प्रस्तुत किया गया। आवेदिका के पति की मृत्यु हो चुकी है तथा घटना उपरांत स्वयं विकलांग हो गई ऐसे में घर का लालन पालन करना अत्यंत कठिन हो गया ऐसे में नेशनल लोक अदालत ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए उक्त प्रकरण न्ेीं त्ंजीपं ंदक वजीमते टे डंदवर ज्नतपं ंदक वजीमते में बीमा कंपनी न्यू इंडिया इंश्योरेन्स लिमिटेड कोरबा से राजीनामा कर प्रकरण निराकृत कर राशि 13,50,000/- तेरह लाख पचास हजार रूपये मात्र की क्षतिपूर्ति प्राप्त की गई।

बिखरता परिवार हुआ एकः-आवेदक राजकुमार पटवा उम्र 45 वर्ष पिता रामधन पटवा निवासी ग्राम भिलाईबाजार तह. कटघोरा जिला कोरबा द्वारा धारा 9 हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 वास्ते दाम्पत्य अधिकार की पुनः स्थापना किये जाने बाबत् परिवार न्यायालय मान0 श्री बी. राम के कोर्ट आवेदन पेश किया गया था। आवेदक एवं आवेदक के परिवार के सदस्यों के द्वारा अनावेदिका श्रीमति ललिता पटवा को समझाने का अथक प्रयास किया गया। परंतु अनावेदिका द्वारा गुस्से से चिल्लाकर अपमानित करते हुए घर से भेज दिया गया। जिसके कारण उनमें सहमति नहीं हो पाई। आवेदक का अनावेदिका श्रीमति ललिता पटवा एवं उनका पुत्र अनमोल पटवा के सिवा कोई नहीं है। अतएव अनेक प्रयासों के बाद नालसा आवेदक एवं अनावेदिका द्वारा आपसी सहमति के लिए नालसा द्वारा आयोजित हाईबी्रड नेशनल लोक अदालत में प्रकरण प्रस्तुत किये जाने हेतु सहमत हुए तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा के सौजन्य से दिनांक 10.07.2021 दिन शनिवार को आयोजित हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में उपस्थित हुए। उक्त हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत में आवेदक एवं अनावेदक का प्रकरण निराकरण हुआ। दो साल से लंबित मामले में बच्चे का भविष्य अधर में होने के कारण प्रकरण का निराकरण सुलझाया जाना परम आवश्यक था ऐसे में अनावेदिका श्रीमति ललिता पटवा पुत्र अनमोल पटवा सहित सुखी दाम्पत्य जीवन के लिये आवेदक राजकुमार पटवा के साथ रहने के लिए सहमत हुई एवं दोनों आवेदक एवं अनावेदकगण हंसी-खुशी अपने सुखी दाम्पत्य जीवन के लिये अपने घर गये।

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