गांधी परिवार से बाहर का अध्‍यक्ष बना सकती है पार्टी, लोकसभा में नेता व‍िपक्ष बन सकते हैं राहुल गांधी

नई दिल्ली 8 जुलाई: कांग्रेस पार्टी में अगले कुछ दिनों में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बीते कुछ समय से अपनी धूमिल होती छवि को फिर से वापस पाने और पार्टी के अंदर हो रहे घमासान को खत्म करने के लिए कांग्रेस अब पार्टी में बढ़े स्तर पर बदलाव कर सकती है। माना जा रहा है पार्टी खुद की सक्रियता एक बार फिर से राजनीति में दिखाना चाहती है।

सूत्रों की मानें, तो पार्टी में शीर्ष स्तर पर बदलाव के लिए तीन फॉर्म्युले तय किए गए हैं जिसपर चलते हुए पार्टी ‘हाथ’ को मजबूत करेगी। बता दें, ऐसा कहा जा रहा है इन फॉर्म्युलों के तहत पार्टी में नया अध्यक्ष भी बनाया जाएगा जो कि गांधी परिवार से नहीं होगा। अध्यक्ष पद के लिए गैर गांधी परिवार का विकल्प इसलिए भी रखा गया है क्योंकि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इसे लेकर अपना पक्ष साफ कर चुके हैं कि परिवार से अलग किसी को अध्यक्ष बनाया जाए। वहीं अब माना जा रहा है पार्टी भी इसी मूड में है।

वहीं जब कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए कोई गैर कांग्रेसी का चुनाव होना है, तो माना जा रहा है कि ऐसे में राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका निभा सकते हैं। बात अगर दूसरे फॉर्म्युले की करें तो माना जा रहा है पार्टी 2024 तक सोनिया गांधी को ही पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने पर पार्टी आग्रह कर सकती है। वहीं अपने तीसरे विकल्प में राहुल गांधी पर ही दोबारा पार्टी का अध्यक्ष बनने और पार्टी को मजबूत बनाने को लेकर दवाब बना सकती है।

आपको बता दें, बीच समुद्र गोते खाती कांग्रेस पार्टी की नाव अंदरूनी कलह का सामना कर रही है। हरियाणा में तो पार्टी के अंदर छिड़ा घमासान सड़कों तक पहुंच चुका है। सोमवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट के 22 विधायकों ने कुमारी शैलजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस दौरान इन्होंने दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। कुमारी शैलजा के खिलाफ मोर्चा कर रहे इन विधायकों की मांग थी की शैलजा को हटाकर हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया की इनैलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला के बाहर आने से जाट वोट बैंक खिसक सकता है। चौटाला को रोकने के लिए हुड्डा को ‘फ्री-हैंड’ दिया जाना महत्वपूर्ण है।

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