एसईसीएल के केन्द्रीय चिकित्सालय में दवाओं की कमी

कोरबा 23 जून। मिनीरत्न कंपनी एसईसीएल उत्पादन के मामले में बेहतर काम कर रही है। इसी के साथ कर्मचारी कल्याण पर भी जोर बना हुआ है। स्वास्थ्य का क्षेत्र इसी में शामिल है। इन सबसे अलग बात यह है कि एसईसीएल के अस्पताल में कुछ दवाओं की उपलब्धता बनी हुई है, जबकि काफी दवाईयों का शार्टेज कायम है। ऐसे में काफी संख्या में पीड़ित लोगों को बाजार की दवाओं के भरोसे निर्भर रहना पड़ रहा है।

साउथ ईस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड ने कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर केन्द्रीय चिकित्सालय और डिस्पेंशरी की व्यवस्था कर रखी है। यहां पर परामर्श के लिए डॉक्टर और अन्य कार्यों के लिए स्टाप रखा गया है। चिकित्सा उपकरण और दवाओं की सुविधा भी यहां पर करने की कोशिश की गई है। इससे मान लिया गया है कि एसईसीएल हर मामले में अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को हर संभव सुविधा देने का प्रयास कर रहा है। लेकिन ऐसा सोचना शत प्रतिशत सही नहीं है। खबर के अनुसार कोरबा में एसईसीएल के केन्द्रीय अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी में आने वाले मरीजों में से सभी को हर तरह की दवाएं नहीं मिल पा रही है। स्थानीय व्यवस्था के अंतर्गत फार्मेंसी विभाग पीड़ितों को उपलब्ध दवाएं देने के साथ चलता कर रहा है। क्योंकि उसकी जिम्मेदारी ही इतनी है। बताया जाता है कि कर्मियों की पर्ची में जितनी दवाएं वर्णित होती है, उनमें से काफी दवाईयां यहां नहीं मिल पा रही है। इनमें मधुमेह और अन्य बीमारी की दवाएं शामिल है। मौके पर इसकी जानकारी संबंधित देने के साथ उन्हें सलाह दी जाती है कि इसका प्रबंध बाजार से किया जाए। इस फेर में कर्मियों को अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ रही है और कुल मिलाकर उनका सिरदर्द बढ़ रहा है।

जानकारी यह भी है कि एसईसीएल कर्मचारियों को अस्पताल से नहीं मिल पाने वाली दवाएं मार्केट में उपलब्ध होती हैए लेकिन सभी दुकानों में नहीं। इस चक्कर में एसईसीएल के कर्मचारियों और उनके परिजनों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। समस्या यह भी है कि मार्केट से खरीदी जाने वाली दवाओं के मामले में कंपनी अपने कर्मियों को बिल की कुल राशि का भुगतान भी नहीं कर रही है।

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