मुंगेली : नाली निर्माण में खेला होबे.. कागजों में काम और ठेकेदार ले गया दाम
➡️ ठेकेदार मास्टरमाइंड या मोहरा ? सवाल बना नगर में चर्चा का विषय
मुंगेली। नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड में कागजों में नाली निर्माण कर लाखों रुपयों का फर्जी आहरण करने के मामले को लेकर नगर पालिका उपाध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा पार्षदों ने मोर्चा खोलते हुए,उक्त मामले की जांच को लेकर नगर पालिका के CMO मनीष वारे को ज्ञापन सौंपा है तथा भाजपा के पार्षदों ने इस मामले से जिले के कलेक्टर अजीत वसन्त को भी अवगत कराया है। जिसपर कलेक्टर ने त्वरित कार्यवाही करते हुए जांच टीम का गठन करने की बात कही है।
ज्ञात हो कि नगर पालिका क्षेत्र के शिवाजी वार्ड(वर्तमान में परमहंस वार्ड) में उस समय के तत्कालीन पार्षद के द्वारा वार्डवासियों की मांग पर होरी लाल शर्मा के घर से नवागढ़ मुख्य मार्ग तक नाली निर्माण के लिए 17 लाख की राशि शासन स्तर पर स्वीकृत कराया गया था। जिसके बाद उक्त निर्माण को लेकर नगर पालिका में टेंडर निकाला गया जिसे सौफ़िया कंट्रक्शन के द्वारा निर्माण कराया जाना था। जानकारी के मुताबिक उक्त कार्य को ठेकेदार ने शुरू ही नही किया लेकिन 18 फरवरी 2021 को उक्त कार्य का भुगतान करने 13 लाख रुपये का चेक जारी कर दिया गया। ठेकेदार को चेक नगर पालिका अध्यक्ष सन्तुलाल सोनकर एवं उस समय के तत्कालीन प्रभारी CMO विकास पाटले के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी किया गया है। उक्त मामले के चार महीने बाद जब इस बात की जानकारी नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों को चली तो नगर पालिका में हड़कंप मच गया। इस मामले की जब जानकारी मांगी गई तो किसी के पास भी इसका जवाब नही था। जिसके बाद नगर पालिका के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह के नेतृत्व में भाजपा के पार्षदों द्वारा नगर पालिका के CMO मनीष वारे को ज्ञापन सौंपते हुए जांच टीम गठित कर इस मामले में दो दिवस के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया है साथ ही उक्त मामले की जानकारी जिले के कलेक्टर को भी दि गई है।
लेखापाल ने पार्षदों को दी गलत जानकारी
इस मामले के सामने आने के बाद जब इस बारे में नगर पालिका के लेखापाल आनंद निषाद से जानकारी ली गई तो उनके द्वारा गलत जानकारी देते हुए सोफिया कंस्ट्रक्शन को किये गए भुगतान में जो सूची जारी कि गई है उसमें बाउंड्रीवॉल निर्माण शब्द लिख दिया गया है। इससे एक बात साफ जाहिर होती है कि इस भ्रष्टाचार के खेल में जनप्रतिनिधि,अधिकारी के साथ कार्यालय के लेखपाल के भी शामिल होने की संभावना है। आखिर लेखापाल ने किसके इशारे पर जारी किए गए सूची में नाली निर्माण की जगह बाउंड्रीवाल का जिक्र किया है, इस सवाल का जवाब होने वाली जांच में ही पता चल पाएगा। कलेक्टर अजीत वसन्त के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को जांच के लिए तत्काल भेजने की बात कही गई है और साथ ही कहा गया है कि भ्रष्टाचार में जो सम्मिलित हैं सब के ऊपर कार्यवाही होगी।
प्रभारी सीएमओ विकास पाटले के कार्यकाल का है मामला
विकास पाटले प्रभार में मुंगेली सीएमओ बन कर आये थे और इसी बीच फरवरी माह में 18-02-21 और 19-02-21 को अरविंद ट्रेड्रिंग, सोफिया कंट्रक्शन, सृष्टि कंट्रक्शन इन सब ठेकेदारों का भुगतान कराया गया है। नगर पालिका में और कितने चेक कटे होंगे ये जांच का विषय है। राज्य में कांग्रेस की सत्ता है और नगरपालिका में भाजपा का कब्जा है, पर राज्य में कांग्रेस की सत्ता होते हुए भी इस तरह के भ्रष्टाचार में नगरपालिका में विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने में नाकाम साबित हो रहा है।
यह पूरा मामला परमहंस वार्ड का है। शिवपुर रवि गैस गोदाम के पीछे नाली निर्माण कराने 17 लाख रुपये में टेंडर पास हुआ था पर ठेकेदार ने कागज में ही नाली का निर्माण करा दिया और 17 लाख में से 13 लाख रुपये का भुगतान नगर पालिका से ले लिया है। वर्तमान में मुंगेली में हर तरफ भ्रष्टाचार दिखाई देता है। कुछ दिन पहले मुंगेली में बन रहे गार्डन में भी भ्रष्टाचार की खबरे आई थी। लेकिन आज तक किसी भी मामले में कार्यवाही किसी अधिकारी या ठेकेदार पर नही हुआ है।
आरोपी अधिकारीयों और कर्मचारीयों पर हो कार्यवाही : मोहन मल्लाह
वही इस मामले में नगर पालिका के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह ने कहाकि वार्ड में बिना नाली निर्माण कराए फर्जी तरीके से 13 लाख का भुगतान ठेकेदार को किया गया है,जो कि उचित नही है। ठेकेदार को चेक के माध्यम से जो राशि का भुगतान किया गया है उसमें नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर एवं उस समय के तत्कालीन प्रभारी CMO विकास पाटले के संयुक्त हस्ताक्षर से उक्त चेक को जारी किया गया है। हमारे द्वारा आज इस मामले को लेकर पार्षदों के साथ मिलकर नगर पालिका CMO को ज्ञापन सौंपा गया है तथा कलेक्टर को भी इस बारे में जानकारी देकर मामले की 2 दिन के भीतर टीम बनाकर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने तथा इस फर्जीवाड़े में जो भी शामिल हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग कि गई है।
इंजीनियर और सीएमओ जिम्मेदार, होगी एफआईआर : संतुलाल सोनकर
वही इस मामले को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर ने कहा है कि नगर पालिका में जो भी कार्य कराए जाते हैं उसकी समस्त जवाबदेही इंजीनियर की होती है। इस कार्य में भी भुगतान के पूर्व उक्त बिल में इंजीनियर, लेखपाल तथा नगर पालिका के CMO के हस्ताक्षर उपरांत मेरे पास आया और मेरे द्वारा इनके भरोसे में हस्ताक्षर किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि मैं चूंकि आमजनता का सेवक हूँ और जनप्रतिनिधि होने के नाते हर कार्य का निरीक्षण कर पाना सम्भव नही हो पाता, मेरे द्वारा कर्मचारी अधिकारी के भरोसे में कार्य किया गया है और अगर इनके द्वारा मेरे भरोसे को तोड़ा गया है और गुमराह कर जो कार्य कराए गए हैं, उनके खिलाफ मेरे द्वारा अपने वकील के माध्यम से नोटिस भेज कर जवाब मांगा जाएगा तथा उचित जवाब प्रस्तुत नही करने पर मेरे द्वारा इस मामले में संबंधित अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ FIR कराया जाएगा।
नहीं बक्शे जाएंगे गुनहगार : हेमेंद्र गोस्वामी
वहीं इस पूरे मामले को लेकर नगरपालिका छाया अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी ने कहा कि राज्य में सरकार हमारी है और पैसा नगर विकास के लिए दिया गया है न कि भ्रष्टाचार करने के लिए। जिसने भी इस तरह का गलत कार्य किया है उसको बक्शा नहीं जाएगा चाहे वो कोई भी हो।