बांकीमोंगरा के 12 गांवों के लोग खेती-किसानी से होंगे वंचित, किसान सभा ने कहाः जिम्मेदार कोरबा सहकारी बैंक
कोरबा 3 जून। कोरबा जिला सहकारी बैंक द्वारा ग्राम सुमेधा में नव स्थापित आदिवासी सेवा सहकारी समिति के पास रिकॉर्ड न भेजने के कारण बांकीमोंगरा क्षेत्र के 12 गांवों के किसान इस साल खेती-किसानी से वंचित होने जा रहे हैं। उन्हें न खाद-बीज मिल रहा है और न लोन। प्रभावित गांवों में सेमीपली, कुमग़री, नागिनभाठा, केन्दईखार, सुमेधा, लाटा, अगारखार, रोहिना, सलियाभाठा, मडवाढ़ोढा, पुरैना तथा गजरा आदि गांवों के किसान शामिल हैं। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने इन गांवों के किसानों के साथ आज कलेक्टर का दरवाजा खटखटाकर किसानों को इस संकट से उबारने की मांग की है। किसान सभा नेताओं के साथ प्रतिनिधिमंडल में रामेश्वर सिंह कंवर, सुनेश्वर सिंह कंवर, अजीत सिंह, शिवरतन सिंह आदि ग्रामीण भी शामिल थे।
छत्तीसगढ़ किसान सभा के कोरबा जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर व सचिव प्रशांत झा ने बताया कि उक्त 12 गांवों के किसान पहले कनबेरी स्थित सहकारी समिति से संलग्न थे, लेकिन इस साल के अंत मे उन्हें सुमेधा में नव स्थापित सहकारी समिति से संबद्ध कर दिया गया। इसी नई समिति के पास उन्होंने पिछले इस वर्ष अपना धान बेचा व भुगतान भी पाया। लेकिन अब खेती-किसानी के लिए इस समिति द्वारा उन्हें इस आधार पर खाद-बीज-लोन देने से इंकार किया जा रहा है कि पुरानी समिति से इन गांवों के किसानों का कोई रिकॉर्ड उसके पास अभी तक नहीं आया है, जबकि पुरानी समिति का कहना है कि ये रिकॉर्ड उन्होंने कोरबा जिला सहकारी बैंक के पास भेज दिया है और अब बैंक ही संबंधित समिति के पास रिकॉर्ड भिजवाने के लिए जिम्मेदार है।
किसान सभा नेताओं ने कहा है कि कोरोना काल में जबकि देश की अर्थव्यवस्था रसातल में चली गई है, इस देश के किसानों ने भुखमरी की मार झेलते हुए भी कृषि की विकास दर को थामे रखा है। इसके बावजूद बैंकों का रवैया खेती-किसानी को चौपट करने वाला है। किसान सभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज ही कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपकर किसानों की इस समस्या से अवगत कराया और आवश्यक कार्यवाही हेतु सहकारी बैंक को निर्देशित करने की मांग की है। किसानों ने कोरबा जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक से भी मिलकर छुरीकला सहकारी समिति के पास रिकॉर्ड शीघ्र भिजवाने की मांग की है, ताकि किसानों को सही समय पर खाद, बीज व लोन मिल सके।