ई-पास:आखिर टेबल में हाजिरी, क्यों है जरूरी?

कोरबा 21 मई। कोरोना काल में आवागमन के लिए राज्य शासन ने आम नागरिकों को ई-पास की सुविधा दी है। लेकिन कोरबा में ऑन लाइन आवेदन के बाद संबंधित टेबल में हाजिर होने पड़ रहा है, तब जाकर ई-पास जारी हो रहा है। टेबल में हाजिरी क्यों है जरूरी? यह समझने की बात है।

राज्य में कोरोना संक्रमण के बीच एक शहर से दूसरे शहर आवागमन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। आवश्यक होने पर ई-पास जारी करने की सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके लिए ऑन लाइन आवेदन की व्यवस्था बनाई गई है। नियमतः सकारण आवेदन के बाद लोगों को ऑन लाइन पास जारी हो जाना चाहिए, लेकिन कोरबा में आवेदन के बाद संबंधित टेबल पर हाजिरी देना जरूरी है। इस आशय की शिकायत शहर में आम होती जा रही है। लोगों में असंतोष भी है, लेकिन कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति आपत्ति करने की स्थिति में नहीं है।

याद रहे कि गत वर्ष भी ई – पास की सुविधा आम नागरिकों को दी गई थी। तब ऑन लाइन आवेदन के बाद मोबाइल पर पास आ जाता था या कारण स्पष्ट करते हुए निरस्त के सूचना मोबाइल पर दे दी जाती थी। यहां ये बताना समीचीन होगा कि कोरोना काल में कोई भी व्यक्ति सामान्य तौर पर कहीं भी बाहर आवागमन नहीं कर रहा है। मेडिकल, व्यावसायिक अथवा किसी अन्य अत्यावश्यक कार्यवश ही लोग घर से बाहर निकल रहे हैं। मसलन कोई व्यक्ति बीमार है। वह उपचार के लिए बिलासपुर या रायपुर के किसी विशेषज्ञ डॉक्टर के पास जाना चाहता है तो उससे दस्तावेज मंगा जाता है। यानी पहले लोकल डॉक्टर के पास जाकर बिना इलाज सुविधा लिए फीस देकर रिकार्ड तैयार कराए? फिर उसे प्रस्तुत कर अनुमति ले? अगर ऐसा है तो कैसी परिस्थिति के लिए ई-पास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है? फिर तो मैनुअल पास की सुविधा बहाल कर दी जानी चाहिए? बहरहाल लोगों का कहना है कि प्रशासन को यह समझना होगा कि इस महामारी के दौर में कोई भी व्यक्ति सैर सपाटे अथवा तफरीह के लिए बाहर नहीं जाएगा।

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