देवू पॉवर: ननकीराम कंवर की धमाकेदार एन्ट्री के बाद कांग्रेस भी हुई सक्रिय
कोरबा 19 मई। देवू पॉवर इंडिया लिमिटेड के जमीन मामले में जिले के रामपुर क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक और प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर की धमाकेदार एन्ट्री के बाद कांग्रेस पार्टी भी सक्रिय हो गई है। पार्टी नेताओं ने कुछ ग्रामीणों के साथ प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर गैरकानूनी कब्जे की कार्रवाई को रोकने की मांग की है।
देवू पॉवर इंडिया लिमिटेड ने पच्चीस साल पहले रिसदी गांव में एक हजार मेगावॉट क्षमता का पॉवर प्लांट लगाने के लिए 499 एकड़ शासकीय भूमि और 260 एकड़ निजी भूमि अर्जित की थी। लेकिन योजना पर अमल के पहले ही साउथ कोरिया की यह मल्टी नेशनल कम्पनी दिवालिया हो गई। इसके साथ ही रिसदी में पॉवर प्लांट की योजना खटाई में पड़ गई। उधर किसान अपनी जमीन पर तब से लेकर अब तक लगातार कृषि कार्य करते रहे हैं।
उधर देवू के आवेदन पर रिसदी में किसानों की जमीन का सीमांकन ग्रामीणों ने रोक दिया है। इसके साथ ही कोरोनाकाल के बीच जमीन की राजनीति गर्माने लगी है। भाजपा और माकपा के बाद अब कांग्रेस भी इस कार्रवाई के विरोध में उतर आई है। देवू को जमीन देने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कांग्रेस के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। इसके साथ कलेक्टर किेरण कौशल ने भी एसडीएम से इस संबंध में जानकारी तलब की है। उधर मंगलवार को रिसदी में सीमांकन का काम बंद रहा।
मंगलवार को रिसदी के ग्रामीणों समेत अनेक कांग्रेसियों ने किसानों के समर्थन में आकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। इसमें लिखा गया है कि वर्ष 1992-93 में तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार में यह कहते हुए कृषि भूमि अधिग्रहित की थी कि भू- स्वामियों व उनके खाताधारक वयस्क सदस्यों को नौकरी दी जाएगी। इतने वर्ष बाद भी संबंधित कंपनी देवू पावर ने किसी भी भू. स्वामी को नौकरी नहीं दी। तब से लेकर आज तक सभी किसान अपनी भूमि पर कृषि कार्य कर ऊपज ले रहे हैं और अपने परिवार का भरण.पोषण कर रहे हैं। वर्ष 1992-93 के पूर्व की तरह कास्तकारी पर उनका कब्जा निरंतर बना हुआ है। कंपनी की ओर से स्थायी नौकरी नहीं मिलने के कारण उन्होंने भूमि का कब्जा नहीं सौंपा है और आज भी उस पर स्वामित्व व कब्जा कायम है। तहसीलदार व पुलिस बल के साथ बिना किसी सूचना या नोटिस के खेत के मेड़ को एक्सिवेटर मशीन से कटवाया जा रहा। उनका यह भी कहना है कि अधिकारियों को मेड़ काटने से मना करने पर किसानों को जेल भेजने की बात कह डराया जा रहा। उनमें से अधिकांश भू. स्वामी अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं और वे किसी प्रकार के विवाद में पड़ने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए पत्र के माध्यम से मांग की गई है कि उनकी भूमि पर हो रहे गैर कानूनी कब्जे की कार्रवाई रोकते हुए भू.स्वामियों की सहायता करें। ज्ञापन सौंपने वालों में हरिशंकर कंवर, लक्ष्मी नारायण, संजय कंवर, देवनाथ सिंह कंवर, राम यादव, संतोष राठौर, शैलेंद्र कंवर, सपना चौहान, भूपेश साहू, समित दास समेत अन्य शामिल हैं।
इसी कड़ी में बुधवार को भी कांग्रेस नेता एस डी एम से मीले। उन्होंने किसानों की जमीन को पूर्ववत बनाने यानि खेतों की मेड़ बनाकर देने और नष्ट हुई फसल का मुआवजा देने की मांग की है। इस मौके पर कांग्रेस शहर अध्यक्ष सपना चौहान और सुरेन्द्र जायसवाल सहित अन्य नेता और रिसदी कर ग्रामीण उपस्थित थे।