वंश बृद्धि के लिए जेल से मिला परोल, अपनी तरह का पहला मामला

बच्चा पैदा करना है साहेब..पति को छोड़ दो!
■ महिला ने की जज से गुहार

बिहार शरीफ 21अप्रेल: जेल में बंद बंदियों के हितों की रक्षा, उनके कानूनी अधिकार के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकारी नालंदा द्वारा नियुक्त जेल विजिटर अधिवक्ता देवेन्द्र शर्मा की सलाह पर दायर याचिका पर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया हैं। 2012 से उम्र कैद की सजा काट रहे युवक को संतान उतपति के लिए कोर्ट ने पैरोल दी हैं।

दोषी की पत्नी ने पैरोल के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी।यह बिहार मे अपनी तरह का पहला फैसला हैं। अब वंशवृद्धि के लिए युवक जेल से कुछ दिनों के लिए बाहर आएगा।
आजीवन कारावास भुगत रहा युवक नालंदा जिले के उत्तरनावा निवासी विक्की आनंद पर हत्या करने का आरोप था। मामले में उसके ऊपर दोष सिद्ध होने पर उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। साल 2019 विक्की की पत्नी रंजीता ने पटना हाईकोर्ट में सन्तानोत्पत्ति के लिए पति को पैरोल पर छोड़ने के लिए याचिका दायर की थी। इस आधार पर सजायाफ्ता को इनफर्टिलिटी के लिए पैरोल पर रिहा करने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने दे दिया हैं।

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