नकारात्मक विचारों से घटती है रोग प्रतिरोधक क्षमताः डॉ. नागेंद्र शर्मा
कोरबा 21 अप्रेल। आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य डा नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर अत्यंत खतरनाक साबित हो रही हैए इसका परिणाम अब सामने आ रहा है।कोरोना के उपचार के लिये कोई निर्धारित दवा नही है। ऐसे में इससे बचाव ही इसका उपचार है।
डा शर्मा ने कहा कि कोरोना से बचाव का सबसे सशक्त और अच्छा तरीका है कि वायरस के संक्रमण से बचाये रखना। इसके लिए यह पता रहना चाहिए कि यह फैलता कैसे है और इससे बच कैसे सकते हैं। उन्होंने कहा कि हवा के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से वायरस शरीर मे प्रवेश कर संक्रमित कर देता है। इससे बचाव के लिए मास्क का प्रयोग, सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ हाथो की सफाई के साथ साथ सैनिटाइजर का उपयोग किया जाना चाहिए। डा शर्मा ने कहा कि इस रोग से संक्रमित होने का दूसरा एक बड़ा कारण व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी होना भी है जिसकी वजह से इस वायरस के चपेट में आकर व्यक्ति जल्दी संक्रमित हो जाता है। व्यक्ति को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना चाहिए, इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि व्यक्ति अपने मन मे नकारात्मक विचार न लाये और डरे नही, क्योंकि रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण नकारात्मक विचार है। मन मे सकारात्मक विचारों के साथ-साथ, प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट का योगाभ्यास तथा भस्त्रिका, कपालभाती,अनुलोम विलोम, भ्रामरी एवं उदगीत प्राणायाम का अभ्यास सभी को करना चाहिए। इससे हमारे शरीर मे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। साथ ही अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गिलोय की डंडी लगभग 10 इंच, तुलसी के 10 पत्ते, हल्दी तीन ग्राम, सोंठ तीन ग्राम, अदरक का छोटा टुकड़ा व गुड़ को एक लीटर पानी मे पकाकर जब आधा लीटर शेष रह जाए, तो छानकर घूंट घूंट कर दिन में तीन से चार बार पीने से जठराग्नि मजबूत होगी, शरीर के विषैले तत्व बाहर होंगे और व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी।