विधायक चंदन कश्यप की गाड़ी पर पथराव, अफसरों की पिटाई…
■ बस्तर और अम्बिकापुर की जनसुनवाई में ग्रामीणों ने किया विरोध व हंगामा
बस्तर/अम्बिकापुर 15 अप्रेल: बस्तर और अंबिकापुर के गांवों में सोमवार को जबरदस्त बवाल हो गया। दोनों जगहों पर उद्योग लगाने को लेकर जनसुनवाई हो रही थी। इसका मकसद ग्रामीणों की राय लेकर इन इलाकों में उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना था, मगर ये हो न सका। अफसरों और नेताओं की दलीलों को सुनकर जनता भड़क उठी और दोनों जगहों पर मारपीट की घटनाएं सामने आईं। दोनों जगहों पर ग्रामीण यह भी कहते दिखे कि जानबूझकर कोरोना काल में जनसुनवाई करवाई जा रही है ताकि प्रशासनिक अफसर और बिजनेसमैन अपनी मनमानी कर सकें। हंगामे के बाद अब उद्योग लगाने का मामला अधर में रह गया है।
*बस्तर में हंगामा*
विलम्ब से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर ब्लॉक के चपका में प्रस्तावित मिनी इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट के लिए सोमवार को हो रही जनसुनवाई में पहुंचे क्षेत्रीय विधायक चंदन कश्यप को चुप रहना भारी पड़ गया। विधायक के कुछ न कहने से लोग नाराज हो गए और उनसे अभद्र व्यवहार करने लगे। हाथापाई की आशंका देख उनके अंगरक्षकों ने तत्काल गाड़ी में बैठाकर उन्हें सुरक्षित भिजवाया। इस दौरान नाराज ग्रामीण कार के पीछे भी दौड़े और पत्थर भी फेंके, लेकिन तब तक विधायक ग्रामीणों की पहुंच से बाहर जा चुके थे। बवाल इस बात को लेकर हुआ कि कुछ ग्रामीण प्लांट स्थापना से पर्यावरण को नुकसान, क्षेत्रीय लोगों को रोजगार जैसे मुद्दों पर बात कर रहे थे मगर लोगों की तरफ से विधायक कुछ नहीं कह रहे थे।
*जब हुई अफसरों की पिटाई*
अंबिकापुर के चिरगा में एलोमीना रिफाइनरी का प्लांट लगाने के लिए जनसुनवाई में हंगामा हो गया। महिलाओं ने जिला उद्योग अधिकारी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। हालात थी कि अपर कलेक्टर को पुलिस ने बचाया। जिला उद्योग अधिकारी अब्दुल शाकिर को महिलाओं व ग्रामीणों ने पीटा। लोगों ने अपर कलेक्टर अमृत लाल धुर्वे को भी निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें भीड़ से बचा लिया। अफसरों का कहना है कि कुछ महिलाओं ने तब हंगामा किया, जबकि उनकी बात पूरी सुनी जा चुकी थी। इससे पहले ग्रामीणों ने जन सुनवाई के विरोध में कलेक्टर को आवेदन देकर कहा था कि जिस जमीन पर प्लांट खोला जा रहा है वह चारागाह, निस्तारी की जमीन है।