महाराष्ट्र में आज रात 8 बजे से 15 दिन के लिए सम्पूर्ण लॉक डाउन
मुम्बई से नरेन्द्र मेहता
मुम्बई 14 अप्रैल। महाराष्ट्र में आज बुधवार रात 8 बजे से पूर्ण लॉक डाउन लागू हो रहा है। 15 दिन के लिए लागू इस लॉक डाउन को ब्रेक द चैन नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार शाम इसकी घोषणा की। लॉकडाउन के चलते राज्य में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं भी टाल दी गई हैं। बगैर जरूरी काम के लोगों के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है।
लॉकडाउन के दौरान सरकार रियल एस्टेट सेक्टर के मजदूरों और परमिट वाले रिक्शा चालकों को 1500 रुपए की मदद देगी। अगले एक महीने तक शिव भोजन योजना के तहत गरीबों को खाने की थाली भी मुफ्त दी जाएगी।
पूरे महाराष्ट्र में 14 अप्रैल की रात 8 बजे से धारा 144 लागू कर दी गई है। इस दौरान बाजार बंद रहेंगे। हालांकि लोकल ट्रेन और बस बंद नहीं रहेगी। इन्हें इमरजेंसी सर्विसेस के लिए चालू रखा जाएगा। मेडिकल सामान, दवाइयां, मास्क, सेनिटाइजर बनाने वाली कंपनियां पहले की तरह काम करती रहेंगी।
बैंक-पेट्रोल पंप समेत IT कंपनियों को छूट
राज्य में लॉकडाउन के बावजूद सेबी, बैंक, बीमा कंपनियां, ई-कॉमर्स, पेट्रोल पंप, डेटा सेंटर, आईटी कंपनियां खुली रहेंगी। होटल, रेस्टोरेंट टेक अवे और होम डिलीवरी जारी रख सकेंगे। रास्ते के ढाबे और रेस्टोरेंट खुले रहेंगे, लेकिन टेक अवे फॉर्मेट में सुबह 7 से रात 8 बजे तक ही काम कर सकेंगे। कंस्ट्रक्शन कंपनियों को भी काम करने की इजाजत होगी, लेकिन उन्हें कर्मचारियों के लिए साइट पर घर रहने का इंतजाम करना होगा।
लॉकडाउन में गरीबों को 5400 करोड़ की आर्थिक मदद
राज्य सरकार एक महीने के लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों को आर्थिक देगी। इससे करीब 5400 करोड़ रुपयों का बोझ पड़ेगा। इसके तहत इन लोगों को मदद मिल सकेगी।
अन्न सुरक्षा योजना के तहत राज्य के करीब 7 करोड़ लोगों को अगले एक महीने तक 3-3 किलो गेंहू और 2-2 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा।
सरकार अगले एक महीने तक गरीबों को पका हुआ खाना भी मुहैया कराएगी।
संजय गांधी निराधार योजना, इंदिरा गांधी विधवा योजना समेत गरीबों के लिए बनी 3 स्कीम के तहत 35 लाख लोगों को एक-एक हजार रुपए एडवांस दिया जाएगा।
महाराष्ट्र इमारत कामगार कल्याण मंडल योजना के तहत 12 लाख मजदूरों को 1500 रुपए का एडवांस मिलेगा।
घरेलू कामगार मजदूरों को भी सरकार एक महीने तक आर्थिक मदद देगी।
5 लाख रजिस्टर्ड फेरीवालों को हर महीने 1500 रुपये दिए जाएंगे।
12 लाख ऑटो वालों को हर महीने 1500 रुपये दिए जाएंगे।
आदिवासियों को महीने के 2 हजार रुपये सरकार देगी।