शव किसी का, बता दिया किसी और का, श्मसान में खुला राज, शव को लेकर परिजनों ने किया हंगामा
पटना 12 अप्रैल: कोविड पीड़ित मृत व्यक्ति का चेहरा परिजनों की बार बार मांग के बाद भी हॉस्पिटल में नहीं दिखाया गया, जब अंतिम संस्कार के लिए शव शमशान घाट लाया गया तो 12 वर्षीय लड़के को शव का चेहरा दिखाया गया तो लड़का कहने लगा कि यह मेरे पापा नहीं है, उसके बाद शव को लड़के के दूसरे रिस्तेदार ने भी देखा तो शमशान घाट मे हंगामा मच गया. वही शव को हॉस्पिटल वापस मंगवा लिया गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पी एम सी एच में रविवार को एक अजीबो-गरीब मामला सामना आया. दरअसल, बाढ़ के रहने वाले चुन्नू कुमार (40 वर्ष) को ब्रेन हैमरेज हुआ था. ऐसे में उनके परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए दो दिन पहले पीएमसीएच में भर्ती कराया था. इलाज के दौरान जब कोरोना की जांच कराई गई, तो वह पॉजिटिव निकल गया. इसके बाद परिजनो को मरीज से मिलने नहीं दिया जा रहा था.
रविवार की सुबह करीब दस बजे के आसपास बताया गया कि मरीज की स्थिति खराब है. इसके कुछ ही देर बाद चुन्नू को अस्पताल ने मृत घोषित कर दिया और सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर, कोविड नियम के पालन करते हुए शव को परिजनों को सौंप दिया.
इधर मरीज की मौते के बाद उसके घरवाले कहते रहे कि उन्हें मृतक का चेहरा दिखा दें पर किसी ने नहीं सुनी. बांस घाट शव को पहुंचाने के बाद अंतिम संस्कार होना था. इस दौरान चुन्नू के 12 साल के बेटे को बुलाया गया. जब शव के ऊपर से चेहरा देखने के लिए कपड़ा हटाया गया तो पता चला कि वह चुन्नू नहीं बल्कि कोई और है, जिसे घरवाले पहचानते तक नहीं. फिर घाट पर ही हंगामा मच गया. वहीं, शव को पीएमसीएच मंगा लिया गया.
परिजन अस्पताल पहुंचे तो 40 वर्षीय चुन्नू स्वस्थ था. पी एम सी एच अधीक्षक आइएस ठाकुर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पी एम सी एच में कोरोना पीड़ित जीवित व्यक्ति को मृत बताकर शव उपलब्ध कराने संबंधी मामले को गंभीरता से लेते हुए पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने पीएमसीएच के प्राचार्य और अधीक्षक को पत्र प्रेषित कर सख्त निर्देश दिया है.
उन्होंने इस मामले की लापरवाही और इसकी जांच कर जवाबदेही तय करने और दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कहा है. वहीं, कार्रवाई संबंधित रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया है