महाराष्ट्र में 2-3 दिन के लिए बची हैं टीके की खुराक, हर हफ्ते हैं 40 लाख टीके की जरूरत
मुम्बई से नरेन्द्र मेहता
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया चौकाने वाला बयान ■ केन्द्र से आक्सीजन हेतु अनुरोध
■ राज्य में मृतको की संख्या 50,000 पार
मुम्बई 7अप्रैल। महाराष्ट्र के के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि राज्य के पास कोविड-19 के टीके की 14 लाख खुराकें ही बची हुई हैं जो दो या तीन दिन ही चल पाएंगी और टीकों की कमी के कारण कई टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़ रहे हैं। टोपे ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसे टीकाकरण केंद्रों पर आ रहे लोगों को वापस भेजा जा रहा है क्योंकि टीके की खुराकों की आपूर्ति नहीं हुई है। उन्होंने कहा, राज्य में अब 14 लाख खुराकें ही उपलब्ध हैं जिनसे तीन दिन ही टीकाकरण हो पाएगा। हमें हर हफ्ते 40 लाख खुराकों की जरूरत है। इससे हम एक सप्ताह में हर दिन छह लाख खुराक दे पाएंगे। पर्याप्त टीके नहीं मिल पाए हैं।
टोपो ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व में एक दिन में चार लाख लोगों का टीकाकरण कर रही थी। उन्होंने कहा, रोजाना छह लाख लोगों का टीकाकरण करने की केंद्र की चुनौती हमने स्वीकार की थी। अब एक दिन में पांच लाख लोगों को टीकाकरण हो रहा है। मंत्री ने केंद्र से टीके की आपूर्ति में महाराष्ट्र को प्राथमिकता देने को कहा क्योंकि राज्य में मृतकों की संख्या 50,000 को पार कर चुकी है। उन्होंने कहा, अब संक्रमित हो रहे अधिकतर लोग 25 से 40 साल के उम्र के हैं। टोपे ने कहा कि लोगों के प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ाकर और एंटीबॉडी तैयार कर संक्रमण के प्रसार को तुरंत रोके जाने की जरूरत है। उन्होंने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र से राज्यों को यह भी अवगत कराने को कहा है कि क्या वायरस के बदले हुए स्वरूप के कारण संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, च्च्अगर ऐसा है तो हमें बताया जाए कि क्या कदम उठाए जा सकते है.
इससे पहले महाराष्ट्र के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) प्रदीप व्यास ने बताया था कि राज्य में अनेक जिलों में आज या कल” टीके खत्म हो जाएंगे और केंद्र को इस बारे में अवगत कराया गया है। टोपे ने कहा कि हर दिन राज्य में 1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है और रोजाना 700 मीट्रिक टन की खपत हो रही है जिसमें से 80 प्रतिशत का इस्तेमाल चिकित्सा के लिए हो रहा है। मंत्री ने केंद्र से पड़ोसी राज्यों को महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद करने का अनुरोध किया।