छत्तीसगढ़ लेटर बम की चर्चा: आखिर कांग्रेस विधायक ने क्यों लिखा कांग्रेस प्रमुख सोनिया को पत्र
रायपुर 3 मार्च: हालात क्या ऐसे हो गए है कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक को किसी मामले की सुनवाई के लिये कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखने की जरूरत पड़ी.जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ऐसा नहीं हैं कि विधयकों की किसी मांग या बात को नजरअंदाज करते हो.शिकायत चूंकि पंचायत व ग्रामीण मामले को लेकर की गई हैं जिसके विभागीय मंत्री टी एस सिंहदेव हैं. जो सौम्य और सरल हैं.क्या उनके नॉलेज में यह मामला लाया गया था. इस प्रकार की चर्चा विधायक के लेटर बम को लेकर कांग्रेसियों के मध्य होने लगी है. साथ यह भी चर्चा जोरों पर हैं कि आखिर भ्र्ष्ट अधिकारी को प्रदेश के किस नेता का संरक्षण प्राप्त है जिसकी धरसींवा विधायक अनिता शर्मा ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से की हैं.
पत्र में क्या लिखा है…
कांग्रेस की धरसीवां विधायक अनिता शर्मा ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।
इसमें उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अफसर अशोक चतुर्वेदी पर कार्रवाई का निर्देश देने की मांग की है।
विधायक ने लिखा है कि भ्रष्ट अफसर पर कार्रवाई और उनको संरक्षण देने वालों की पहचान नहीं हुई तो कांग्रेस का जनाधार और लोकप्रियता प्रभावित हो सकती है।
मामला पाठ्य पुस्तक निगम में हुये भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में अनिता शर्मा आरोप लगाया है कि अशोक चतुर्वेदी के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में करोड़ाें का भ्रष्टाचार हुआ।
टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता हुई। ब्लैक लिस्टेड फर्मों को काम दिया गया। स्वेच्छानुदान के नाम पर लाखों रुपये अपात्रों को दे दिये गये जिनका शैक्षणिक उन्नयन से कोई संबंध ही नहीं था।
उनके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरों में मामला दर्ज है। मामला सामने आने के बाद सरकार ने नवम्बर 2019 में उनकी सेवाएं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को वापस लौटा दी थीं।
अशोक चतुर्वेदी अब ग्रामीण कौशल विकास योजना के राज्य प्रबंधक और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक पद पर काम कर रहे हैं। उनके इन पदों का प्रभार मिलने से ही बात भड़की हुई है।
पत्र में अनिता शर्मा ने बताया है, उसके बाद चतुर्वेदी ने सरकार के खिलाफ उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं डाली हैं। उन्होंने 2015 से 2019 के बीच पाठ्य पुस्तक निगम में हुई खरीदी, टेंडर प्रक्रिया, स्वेच्छानुदान आदि की सीबीआई से जांच कराने की मांग भी उठाई है।
कांग्रेस विधायक ने लिखा है, भाजपा शासन में भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारी को कांग्रेस शासनकाल में भी महत्वपूर्ण पद मिलना जनता के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
इससे प्रदेश की ही नहीं सरकार और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की छवि भी खराब हो रही है। इसका सीधा असर कांग्रेस और कांग्रेस सरकार की लोकप्रियता पर पड़ रहा है।
विधायक ने लिखा है कि अशोक चतुर्वेदी को महत्वपूर्ण पद पर देखकर कांग्रेस के निष्ठावान जमीनी कार्यकर्ताओं के मन में वेदना है। इसका समाधान सिर्फ आपके माध्यम से ही हो सकता है.विधायक अनिता शर्मा ने इस मामले में भाजपा नेताओं के भी शामिल होने की बात लिखी है। उन्होंने बताया, भाजपा नेता देवजी भाई पटेल जब धरसीवां के विधायक थे।
उस समय अशोक चतुर्वेदी धरसीवां जनपद पंचायत के सीइऔ थे, बाद में जब पटेल को पाठ्य पुस्तक निगम का अध्यक्ष बनाया गया तो उन्होंने नियमों को दरकिनार कर अशोक चतुर्वेदी को प्रबंध संचालक बनवाया। जबकि यह पद प्रथम श्रेणी के अधिकारी के लिये सुरक्षित था।