26 मार्च को एस ई सी एल के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाएगा विरोध प्रदर्शन- हरिद्वार सिंह
बिलासपुर 25 मार्च। गत 01 मार्च 2021 को नई दिल्ली में आयोजित देश के 10 सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन के द्वारा संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया गया है कि भारत सरकार द्वारा लाए गए चारो लेबर कोड बिल के खिलाफ, कोयला उद्योग के निजी- करण/ बिक्री के खिलाफ, 11वे वेतन समझौता के लिए जे बी सी सी आई-XI का गठन करने के लिए, किसानों के लिए लाए गए तीनों कृषि कानून के खिलाफ, बढती हुई महंगाई पर विराम लगाने, कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की उम्र के बाद जबरन सेवानिवृत्ति करने के फैसले के खिलाफ, ठेका मजदूरों लिए कोल इंडिया की हाई पावर कमेटी द्वारा निर्धारित बढ़ा हुआ वेतन लागू करने, बैंक एवं बीमा के निजिकरण पर रोक लगाने आदि के लिए 24, 25 एवं 26 मार्च 2021 राष्ट्र व्यापी विरोध दिवस मनाया जाएगा, यह जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश राज्य एटक के प्रांतीय अध्यक्ष, एटक एस ई सी एल के महासचिव एवं एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा है कि इसी संदर्भ में एटक, एच एम एस, सीटू, इंटक एवं एसईकेएमसी यूनियन के एस ई सी एल स्तर के नेता श्री नाथूलाल पांडेय, महामंत्री, के. एम. एस.(एच. एम. एस.) एसईसीएल, का. हरिद्वार सिंह, महामंत्री, एस. के. एम. एस. (एटक), एसईसीएल, श्री पी. के. राय, महामंत्री, आर. के. के. एस. (इंटक) एसईसीएल, का. जे. एस. सोढ़ी, महामंत्री, के. एस. एस. (सीटू) एवं श्री गोपाल नारायण सिंह, महामंत्री, एसईकेएमसी, एस ई सी एल की मोबाइल पर विस्तृत चर्चा हुई। चर्चा उपरांत सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया है कि 25 मार्च को एसईसीएल के सभी खदानों के मुहाड़े पर, कार्यालय पर, अन्य कार्य स्थल पर भारत सरकार के मजदूर विरोधी, उद्योग विरोधी, किसान विरोधी आदि नीतियों के खिलाफ ज़मकर नारेबाजी, गेट मीटिंग, आदि के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा एवं दिनांक: 26 मार्च 2021 को एस ई सी एल के विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त रूप से प्रशासनिक कार्यालय अथवा सभी क्षेत्रो के क्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा जायेगा।
कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा है कि वर्तमान की केंद्र सरकार पूरी तरह से मजदूर विरोधी, उद्योग विरोधी एवं किसान विरोधी है। 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर 4 कोड पारित किये गए है जिसमे श्रमिको के कई अधिकार ख़त्म कर दिए गए है। श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी एवं मालिकपक्षीय संशोधन किये गए हैं। कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की उम्र के बाद जबरन सेवानिवृत्ति करने का फैसला सरकार ने किया है। महिला श्रमिको से अब शाम 7:00 से सुबह 6:00 तक कार्य कराने की अनुमति सरकार ने दे दी है। किसानों को जमीन के बदले रोजगार देना बंद कर दिया गया है अब उन्हें सिर्फ मुआवजा दिया जायेगा। किसानों को लेकर जो तीन कृषि बिल सरकार लाई है उसमे न्यूनतम समर्थन मूल्य तय नहीं है। तीनों बिल किसान विरोधी हैं। देश के किसान भाई विगत दो महीने से लगातार तीनों कृषि बिल के खिलाफ विरोध कर रहे हैं लेकिन यह सरकार मानने को तैयार नहीं है। जबरन कृषि बिल किसानों पर थोपा जा रहा है। महंगाई चरम सीमा पर है, बेरोजगारी चरम सीमा पर है जिस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है | बैंक एवं बीमा का भी निजिकरण किया जा रहा है | इस प्रकार के अनगिनत मजदूर विरोधी, किसान विरोधी एवं पब्लिक सेक्टर विरोधी फैसले सरकार ने किये हैं। कोल इंडिया, अन्य पब्लिक सेक्टर, सरकारी संस्थाओ को बचाने एवं मजदूरों के हितो के लिए आज देश के 10 सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन एकजुट है और भारत सरकार की उद्योग एवं मजदूर विरोधी नीतियों का डटकर मुकाबला करेंगे।
कामरेड हरिद्वार सिंह ने बताया कि एसईसीएल के सभी क्षेत्रों के नेताओं, कार्यकर्ताओं को दिशा निर्देश दे दिया है कि 25 एवं 26 मार्च के विरोध दिवस कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें और कार्यक्रम को सफल बनाएं। कोयला श्रमिकों से भी अपील किया है कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करें|