देश में पहले स्थान पर पहुँचा NTPC कोरबा संयंत्र: विश्वरूप वसु
कोरबा 10 मार्च। नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) का 37 वर्ष पुराना कोरबा संयंत्र वर्तमान वित्तीय वर्ष में 64 फीसद प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) के साथ देश में अव्वल रहा। एनटीपीसी समूह ने चालू वित्त वर्ष में 100 बिलियन यूनिट का समग्र उत्पादन हासिल किया है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण् (सीईए) के एनटीपीसी कोरबा प्लांट की स्थापना वर्ष 1983 से 1989 के मध्य हुई। पुरानी इकाई होने के बाद भी प्रतिवर्ष बिजली उत्पादन का नया रिकॉर्ड बन रहा है। देश में एनटीपीसी का 4 फीसदी उत्पादन घटा लेकिन कोरबा के पॉवर प्लांट में उत्पादन 6 फीसदी बढ़ा है।
उक्त बातें विश्वरूप बसु (परियाजना प्रमुख) ने बुधवार को एनटीपीसी में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पॉवर प्लांट से निकलने वाली राख का यूटीलाइजेशन सबसे बड़ी समस्या है लेकिन उसका तोड़ हमने निकला है और कोयला की बंद खदानों में राखड़ भरने का काम तीब्र गति से कराया जा रहा है। यही वजह है कि आज एनटीपीसी से उत्सर्जित राख का 100 फीसदी यूटिलाइजेशन हो रहा है। केंद्र सरकार की सार्वजनिक उपक्रम एनटीपीसी जमनीपाली राख यूटीलाइजेशन में 100 फीसदी के साथ सबसे आगे है। यहां से प्रतिवर्ष सुराकछार, बलगी के भूमिगत और मानिकपुर ओपन कास्ट कोयला खदान में फ्लाई एस डाली जा रही है।
एनटीपीसी के (परियाजना प्रमुख) विश्वरूप बसु ने बताया कि राख का उपयोग खेती में करने के लिए भोपाल की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से चर्चा की गई है। इस पर अभी अनुसंधान चल रहा है। राख में फास्फोरस की मात्रा अधिक होने से खेती के लिए राख उपयोगी है। उन्होंने कहा कि हमारा देश खेती प्रधान देश है, जिसमें अधिकांश 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है| हमारे देश की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए खेती में उपज में वृद्धि बहुत ही आवश्यक है| खेती में लगातार विकास और उपज में वृद्धि सिर्फ वैज्ञानिक प्रबंधन के द्वारा ही संभव है। भूमि की उर्वरता को बनाये रखने के लिए विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों का समय पर एक निश्चित मात्रा में होना आवश्यक है।