दुष्कर्म का आरोपी बाल संप्रेषण गृह भेजा गया
पोल न खुले इसलिए बच्ची को कुएं में धक्का देकर मारा
कोरबा 8 मार्च। कुएं में छह साल की बच्ची को धक्का देकर गिराने के मामले में जो तथ्य सामने आया है, उसे सुनकर कोई भी चौक जाए। 14 साल के बालक ने बच्ची को पहले सूने स्थान पर ले जाकर दुष्कर्म किया और जब उसने इसकी जानकारी अपने पिता को देने की बात कही, तो धोखे से बच्ची को कुएं के पास ले गया और उसे गिरा दिया। पुलिस ने अपचारी बालक को बाल संप्रेषण गृह भेज दिया है।
कुसमुंडा थाना अंतर्गत हुई इस सनसनीखेज वारदात को सुन कर लोगों के होश उड़ गए। एक ग्रामीण की छह साल की बेटी चार मार्च से लापता थी। इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराने के साथ ही परिजन लगातार उसकी तलाश कर रहे थे। पुलिस को पतासाजी के दौरान जानकारी मिली कि गांव से करीब सात किलोमीटर दूर हरदीबाजार पुलिस क्षेत्र के एक 14 वर्षीय बालक के साथ उसे साइकिल में बैठ कर जाते हुए देखा गया था। पुलिस ने जानकारी जुटाई, तो वह बालक उसका ममेरा भाई है। प्राथमिक तौर पर पूछताछ किए जाने पर वह पुलिस को गुमराह कर दिया। इस बीच शनिवार को हरदीबाजार पुलिस चौकी अंतर्गत एक कुएं में लाश मिली। शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने पुनः बालक से पूछताछ की, तो उसने पूरे जो बताया उसे सुन पुलिस के अधिकारी भी भौचक रह गए। पुलिस के अनुसार अपचारी बालक पहले बच्ची को अपने घर के पीछे एक सूने स्थान में ले गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची ने इस घटना की जानकारी अपने पिता को देने की बात कही तो वह घबरा गया और मछली दिखाने के बहाने उसे एक कुएं तक ले गया और वहां धक्का देकर पानी में गिरा दिया। घटना के बाद घर वापस लौट आया और किसी को कुछ बताया नहीं। पुलिस ने अपचारी बालक के खिलाफ दुष्कर्म व हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर किशोर न्यायालय बोर्ड में प्रस्तुत किया, जहां से उसे बाल संप्रेषण गृह भेज दिया गया।
मछली होने का झांसा दे पैर खींच गिरायाः-अपचारी बालक ने कुएं में मछली तैरने की बात कह उसे भी देखने कहा। जैसे ही बालिका मछली देखने कुएं में बच्ची थोडा झुकी, वैसे ही पीछे से दोनों पैर उठा कर उसे कुएं में गिरा दिया। उसने यह भी स्वीकार किया है कि बच्ची घर में दुष्कर्म की बात ना बता सकेए, इसलिए उसने ऐसा किया। इतने कम उम्र में इस तरह की संगीन वारदात को अंजाम देने वाले अपचारी बालक की मनोदशा को लेकर चर्चा सरगर्म है। बुद्धिजीवी इसके पीछे की वजह मोबाइल पर इंटरनेट की आसान उपलब्धता को मान रहे। कहा जा रहा कि बच्चे ऐसे वेबसाइड के संपर्क में आ जाते हैं, जिससे मानसिक विकृति पनपती है।