फरार घोटालेबाज, कथित भाजपा नेता देवेन्द्र पांडेय की गिरफ्तारी पर पुलिस ने की पांच हजार रूपये इनाम की घोषणा
कोरबा 30 जनवरी। को-आपरेटिव्ह बैंक बिलासपुर के पूर्व अध्यक्ष और कथित भाजपा नेता देवेन्द्र पांडेय की गिरफ्तारी को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने इनाम की घोषणा की है, जो भी व्यक्ति फ रार आरोपी देवेन्द्र की खबर बताएगा उसे पुलिस विभाग की तरफ पांच हजार रुपए बतौर इनाम दिया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी उदघोषणा में कहा गया है कि उरगा थाना में दर्ज अपराध 370/12 धारा 409, 467, 420, 468,120 बी के तहत आरोपी देवेन्द्र पांडे की गिरफ्तारी के लिए लगातार उनके संभावित ठिकानों पर पुलिस दबिश दे रही है। अब तक आरोपी का सुराग नहीं मिल सका है। इसे ध्यान में रखते हुए आरोपी को पकड़वाने या पता बताने वाले को पुलिस विभाग से पांच हजार का इनाम दिया जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि घोटालेबाज देवेन्द्र पाण्डेय के खिलाफ कई मामलों की जांच चल रही है। करोड़ों रूपयों के घोटाले का आरोपी को.आपरेटिव बैंक बिलासपुर का पूर्व अध्यक्ष और तथा कथित भाजपा नेता देवेन्द्र पाण्डेय की जांच एजेंसी सरगर्मी के साथ तलाश कर रही है। को-आपरेटिव्ह बैंक बिलासपुर का अध्यक्ष रहते हुए कई तरह के हथकण्डे अपनाकर सौ करोड़ रूपयों से अधिक का घपला करने का आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय पूर्ववर्ती सरकार में भाजपा नेता होने के कारण अपराधों की पुष्टि होने के बाद भी अफसरों को अपने प्रभावशाली होने का झांसा देकर और धौंस दिखाकर अपना बचाव करता रहा है। लगभग सात वर्षों से उसके खिलाफ गंभीर आर्थिक अनियमितताओं का मामला ई.ओ.डब्ल्यू.और सहकारिता विभाग में लंबित रखा गया था।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार हाल ही में रामपुर विधायक और प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की सक्रियता से कार्रवाई पर छाया धुन्ध छंटने लगा है। कथित भाजपा नेता के घपलों के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। देवेन्द्र पाण्डेय को गत सप्ताह बयान के लिए तलब किया गया था। उस समय पाण्डेय ने खुद को होम आइशोलेशन में होने का हवाला देकर अपना बचाव कर लिया था और जांच एजेंसी के सामने उपस्थित नहीं हुआ था। लेकिन उसके तुरन्त बाद वह भूमिगत हो गया था। जांच एजेंसी ने दोबारा उसके घर से सम्पर्क किया तो पता चला कि वह भूमिगत हो गया है। अब उसे फरार मानकर उसकी सरगर्मी के साथ तलाश की जा रही है। जानकारी के अनुसार कोरबा में सभी संभावित ठिकानों में पतासाजी के बाद बिलासपुर और रायपुर में देवेन्द्र पाण्डेय की खोजबीन की जा रही है। अब जांच एजेंसी देवेन्द्र पाण्डेय की अन्य संभावित ठिकानों पर तलाश कर रही है।
इसी कड़ी में भ्रष्टाचार के आरोपी को-आपरेटिव्ह बैंक बिलासपुर के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। सोहागपुर धान घोटाला के मामले में फरार चल रहे देवेन्द्र पाण्डेय के खिलाफ राज्य शासन ने ई.ओ.डबल्यू.(आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) को करोड़ों रूपयों के घोटाले के प्रकरण में कार्यवाही की स्वीकृति प्रदान कर दी है। जानकारी के अनुसार ई. ओ. डब्ल्यू ने एक दशक पहले को-आपरेटिव्ह बैंक बिलासपुर के तत्कालीन अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय के खिलाफ आर्थिक अपराध के आरोप में एफ .आई.आर.दर्ज की थी। मामले को एक दशक तक अनुमति के लिए लंबित रखा गया था। पिछले दिनों रामपुर विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर प्रकरण की जानकारी दी थी और आपराधिक मामले में देवेन्द्र पाण्डेय के खिलाफ कार्रवाई के लिए ई.ओ.डब्ल्यू. को अनुमति देने की मांग की थी। कद्दावर आदिवासी नेता और विधायक ननकीराम कंवर के पत्र को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। उन्होंने प्रकरण के संबंध में त्वरित कार्रवाई कर ई.ओ.डबल्यू. को आवश्यक अनुमति प्रदान करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तुरन्त अमल हुआ। राज्य शासन ने सहकारिता विभाग के अवर सचिव एस.के.सिंह ने पत्र क्रमांक.एफ .7,3/2020/15-1 नवा रायपुर, अटल नगर दिनांक.17/11/2020 जारी कर ई.ओ.डबल्यू के पुलिस अधीक्षक को जांच की अनुमति प्रदान की है।
उल्लेखनीय है कि ई.ओ.डबल्यू.में देवेन्द्र पाण्डेय और को-आपरेटिव्ह बैंक के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी डी.सी.ठाकरे के खिलाफ पंजीबद्ध प्रारंभिक जांच क्र.26/2011 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 यथा संशोधित भ्र.नि.अधि. 2018 की धारा-17 क, अब तक लंबित था। विधायक ननकीराम कंवर की पहल पर एक दशक बाद इस मामले में राज्य शासन से कार्यवाई की अनुमति प्रदान की गयी है।