महिला सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला
नईदिल्ली 23 जनवरी। महिला सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए जाने के बावजूद देश में छेड़छाड़ और रेप की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है। सार्वजनिक बसों में अकेले सफर करने वाली स्कूल कॉलेज की छात्राओं और कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 464 करोड़ रुपये खर्च की योजना बनाई है। इसके तहत सड़क परिवहन के सभी प्रकार के चार पहिया वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस व इमरजेंसी बटन लगाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही सार्वजनिक बस सेवा के निगरानी तंत्र के लिए कमांड एंड कंट्रोल केंद्र बनाए जाएंगे ।
बसों के लिए गाइड लाइन जारी सड़क परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक बस सेवा में इमरजेंसी रिस्पॉस सपोर्ट सिस्टम, केंद्रीय पीड़ित मुआवजा निधि, महिला-बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम, वन स्टॉप स्कीम, महिला पुलिस वॉलंटियर आदि योजनाओं को लागू करना है।
निर्देश के बावजूद राज्य सरकारों ने नहीं दिखाई गंभीरता
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने निर्भया फंड के तहत राज्यों से योजनाओं पर अमल करने को कहा था, लेकिन अधिकांश राज्यों की प्रगति काफी सुस्त रही है।
इस दिशा में काम करने के लिए मंत्रालय के पास 26 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मंत्रालय 2021-22 वर्ष में निर्भया फंड के तहत राज्यों को 464 करोड़ का बजट प्रदान करेगा। मंत्रालय ने 15 जनवरी को नए दिशा निर्देश तैयार किए हैं, राज्यों को इसके अनुसार योजना पर अमल करना होगा। अधिकारी ने बताया कि सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने परिवहन विकास परिषद (टीडीसी) की सालाना बैठक में नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्यों से योजना में तेजी से अमल करने को कहा है। इसके साथ ही मंत्रालय के ट्रांसपोर्ट रिसर्च विंग से सड़क हादसों के आंकड़े साल के बजाए प्रति माह दर्ज करने के निर्देश दिए है। जिससे नीति बनाने में आसानी हो सके।
5.4 फीसदी बसों में उपलब्ध है व्हीलचेयर
सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि निर्भया फंड की तरह राज्य सरकारें सार्वजनिक बस अड्डे व बसों में दिव्यांगजनों को सुविधाएं देने में घोर लापरवाही बरत रही हैं। मंत्रालय के नियम बनाने के बाजवूद दिव्यांगों को व्हीलचेयर मुहैया कराना, बसों-बस अड्डे पर रैप बनाना, ऑनलाइन टिकट की सुविधा, पृथक टिकट काउंटर बनाने आदि में लापरवाही हुई है। उन्होने बताया कि देशभर में कुल 147029 सार्वजनिक परिहवन की बसें चलती हैं, इसमें 1,02,689 अंतरराज्यीय बस सेवा हैं। इसमें से सिर्फ 5.4 फीसदी बसों में व्हीलचेयर सुविधा उपलब्ध है। दिव्यांगजनों के लिए बस अड्डे व बस तक पहुंचना भी सुविधानजक नहीं है।