धान खरीदी: उठाव की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश ने फोन पर की प्रधानमंत्री मोदी से बात, जानें पीएम ने क्या कहा
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुबह-सुबह फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। उन्होंने सेंट्रल पूल में चावल जमा नहीं होने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार ने जल्दी ही चावल जमा करना शुरू नहीं किया तो खरीदा हुआ कई लाख मीट्रिक टन धान बर्बाद हो जाएगा। हालांकि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर आए मौजूदा संकट से निपटने के लिए पूरी सरकार सक्रिय हो गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया, समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की मीलिंग के बाद एफसीआई के पास जमा किया जाता है। केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग अभी तक एफसीआई को इसका आदेश जारी नहीं कर सका है। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ में दिक्कतें बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, केन्द्र सरकार की अनुमति नहीं मिलने से वर्तमान में खरीदी केन्द्रों पर धान का उठाव न होने के कारण जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इससे धान के उठाव और मीलिंग में विलंब होगा। ऐसा हुआ तो भंडारित धान का क्षतिग्रस्त होना संभावित है। धान खरीदी प्रभावित होने से राज्य के पंजीकृत 21 लाख 52 हजार किसानों की आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ना निश्चित है। बताया जा रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बातचीत में सकारात्मक रुख दिखाया है। उन्होंने इस संबंध में उपयुक्त कार्यवाही करने के संबंध में आश्वासन दिया है।
एक दिन पहले पत्र लिखकर माँगा मिलने का समय
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर समस्या की जानकारी दी थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मांगा ताकि वे मंत्रियों के साथ उनसे बात करने जा सकें। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने बारदाना संकट का भी जिक्र करते हुए चावल जमा करने का आदेश तत्काल जारी कराने की मांग की है।
अब तक 47 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी
अधिकारियों ने बताया, बुधवार शाम तक सरकारी केंद्रों में 47 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा जा चुका है। यह धान 12 लाख किसानों ने बेचा है। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की सैद्धांतिक सहमति दी थी, लेकिन अभी तक एफसीआई एक भी दाना चावल जमा नहीं की है। इससे खरीदी केंद्रों में धान जाम हो रहा है। वहां तालाबंदी की स्थिति है। छत्तीसगढ़ में एक दिसम्बर से धान की सरकारी खरीदी शुरू हुई थी।